गुरुनानक जयंती पर नगर कीर्तन की परंपरा टूटी, कार्यक्रम में अतिथियों को आमंत्रण नहीं https://ift.tt/2VnQLgp
सिख धर्म के प्रथम गुरु गुरुनानक देव की जयंती 30 नवंबर को मनाई जाएगी। गुरुद्वारा श्रीगुरु सिंघ सभा स्टेशन रोड में गुरुपुरब पर प्रभात फेरी निकाली जा रही है। यहां दशकों से नगर कीर्तन निकाला जाता रहा है। वहीं इस वर्ष नगर कीर्तन नहीं निकालने का निर्णय लिया गया है। राज्य अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन महेंद्र सिंह छाबड़ा, गुरुद्वारा गुरु सिंघ सभा के प्रधान निरंजन सिंह खनूजा, कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह छाबड़ा की अध्यक्षता में शहर सभी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियों के प्रधान व सचिवों की बैठक हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि इस वर्ष गुरुनानक जयंती पर मुख्य कार्यक्रम खालसा स्कूल में न रखकर गुरुद्वारा स्टेशन रोड में रखा जाएगा। इसके साथ ही किसी अतिथि को सभा की ओर से आमंत्रित नहीं किया गया। हर वर्ष गुरु पर्व के कार्यक्रम में मुख्य और विशेष अतिथि को आमंत्रित किया जाता रहा है। वहीं इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते शासन के नियमों का ख्याल रखा जाएगा। बड़े कार्यक्रमों का आयोजन नहीं होगा। सभा के मीडिया प्रभारी गुरमीत सिंह गुरदत्ता ने बताया एक जगह एक पंडाल में ज्यादा संगत एकत्रित न हो, इसलिए सभी गुरुद्वारा साहिब में एक साथ गुरुपर्व मनाने का निर्णय लिया गया। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने सभी श्रद्धालुओं से सामाजिक दूरी रखते हुए, मास्क लगाकर और हैंड सेनिटाइजर का उपयोग करते हुए गुरुपर्व मनाने की अपील की है। बैठक में इंदरजीत सिंह छाबड़ा सीनियर, इंदरजीत सिंह छाबड़ा जूनियर, तेजिंदर सिंह होरा, मंजीत सिंह सलूजा, गुरमीत सिंह गुरदत्ता, सतपाल सिंह खनूजा, भगत सिंह छाबड़ा, बलबीर सिंह छाबड़ा, शील सिंह माखीजा आदि मौजूद रहे।
गोविंद नगर गुरुद्वारा
पंडरी स्थित गोविंद नगर गुरुद्वारे के जसपाल सिंह सलूजा ने बताया कि बैठक में निर्णय के बाद सभी गुरुद्वारा प्रमुखों ने नगर कीर्तन नहीं निकालने पर सहमति जताई। इसके साथ ही लंगर नहीं होगा। इसकी जगह पर सभी को पैकेट के माध्यम से लंगर दिया जाएगा। कोरोना महामारी को देखते हुए गुरुद्वारे को सेनिटाइज किया जा रहा है और लोगों के प्रवेश के दौरान उन्हें टनल के जरिए सेनिटाइज किया जा रहा है।
जुलूसे गौसिया इस बार नहीं, सादगी से परचम कुशाई, सबको महफूज रखने मांगी दुआएं
इधर, कोरोना महामारी की वजह से इस साल जुलूसे गौसिया नहीं निकाला गया। हर साल इस जुलूस में बड़ी संख्या में लोग शामिल होते थे। बैजनाथपारा से निकल कर यह जुलूस सीरत मैदान में खत्म होता था। वहीं इस साल कमेटी ने जुलूस नहीं निकालने का फैसला लिया। जश्ने गौसुल आजम पर गुरुवार को शाम 5 बजे अजीमुश्शान पैमाने पर सीरत मैदान बैजनाथपारा में परचम कुशाई की रस्म अदा की गई। इसके बाद नमाज हुई। इस दौरान शहर काजी हजरत मौलाना मोहम्मद अली फारूकी साहब ने परचम कुशाई की और गौस पाक के जीवन पर विस्तार से देश, प्रदेश में अमन चैन के साथ खुशहाली की दुआ की। यहां यूनानी चिकित्सा अधिकारी स्व. डाॅ. अकबर बरकाती अवार्ड की घोषणा की गई। यह अवार्ड यूनानी के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले चिकित्सक को दिया जाना है। कोरोना के चलते उत्कृष्ठ कार्य के लिए शासन की ओर से डॉ. अबरार आलम को सम्मानित किया गया है। इस दौरान मौलाना अकबर अली फारूकी, मो. असलम, मो. फुरकान आदि मौजूद रहे।
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