पटाखों के उपयोग के संबंध में एनजीटी से जारी निर्देश का पालन करना अनिवार्य https://ift.tt/2JSiseF
जिले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा पटाखों के उपयोग के संबंध में जारी निर्देशों का पालन किया जाएगा। इस संबंध में मंगलवार को जिला प्रशासन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी की है। जारी निर्देश में बताया गया है कि तहत जिन जगहों में वायु गुणवत्ता का स्तर अच्छा या संतोषजनक अथवा मध्यम श्रेणी हो, वहां केवल हरित पटाखे ही विक्रय तथा उपयोग किए जाए।
दीपावली, छठ, गुरु पर्व तथा नया वर्ष, क्रिसमस इत्यादि के अवसर पर पटाखों को फोड़ने की अवधि भी दो घंटे ही निर्धारित की गई है। हरित पटाखों के फोड़े जाने की अवधि दीपावली पर्व पर रात 8 से 10 बजे तक, छठ पूजा पर सुबह 6 से 8 बजे तक, गुरु पर्व पर रात 8 से 10 बजे तक और नया वर्ष/क्रिसमस पर रात 11.55से 12.30 बजे तक निर्धारित की गई है। इसी तरह पटाखों के उपयोग के संबंध में उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी निर्देश के अनुरूप कम प्रदूषण उत्पन्न करने वाले इम्प्रूव्ड एवं हरित पटाखों की बिक्री केवल लाइसेंस्ड ट्रेडर्स द्वारा की जा सकेगी।
केवल उन्हीं पटाखों को उपयोग के लिए बाजार में बेचा जा सकेगा, जिनसे उत्पन्न ध्वनि का स्तर निर्धारित सीमा के भीतर हो। सीरीज पटाखे अथवा लड़ियों की बिक्री, उपयोग तथा निर्माण प्रतिबंधित किया गया है।
वायु प्रदूषण के स्तर में वृद्धि होती है
पटाखों के ऐसे निर्माताओं का लाइसेंस भी रद्द करने के निर्देश दिए हैं, जिनके द्वारा पटाखों में लिथियम, आरसेनिक, एन्टिमनी, लेड एवं मर्करी का उपयोग किया गया है। पटाखों का बहुतायत में उपयोग होने से वायु प्रदूषण के स्तर में वृद्धि होती है। वायु प्रदूषण बढ़ने के कारण कोविड-19 वायरस के घातक रूप की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। वायु प्रदूषण अधिक होने से कोविड-19 वायरस के रोगियों की संख्या बढ़ सकती है। एनजीटी द्वारा जारी आदेश का राज्य में कड़ाई से पालन के निर्देश दिए गए हैं।
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