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फरवरी तक रहेगी ठंड, 9 डिग्री तक गिरेगा तापमान https://ift.tt/2KSkzQ7

हर साल जहां 14 जनवरी को मकर संक्रांति के बाद से ठंड कम होने लगती है, वहीं इस साल ठंड का मौसम फरवरी महीने तक खिंचने के आसार दिख रहे हैं। इसे लेकर मौसम विभाग क ओर से संभावना जताई है कि छत्तीसगढ़ में अधिकतम तापमान दिसंबर, जनवरी और फरवरी के महीने में सामान्य से ज्यादा रह सकता है। इसके पीछे का कारण ये बताया जा रहा है कि कुछ भौगोलिक परिघटनाओं की वजह से प्रदेश के सामान्य तापमान में बड़ी गिरावट हो सकती है।

इस वर्ष ठंड का मौसम लंबा रहेगा। ये साल पिछले कुछ सालों के मुकाबले ज्यादा ठंडा होगा। बस्तर का तापमान तकरीबन 9 से 10 डिग्री तक पहुंचने की संभावना है। इधर दिन के न्यूनतम तापमान में सामान्य से 4 डिग्री ज्यादा 16.4 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया, जबकि अधिकतम तापमान सामान्य से 1 डिग्री ज्यादा रहने के साथ 28.8 डिग्री दर्ज किया गया है।

यही कारण है कि रविवार को दिनभर हल्की गर्मी लोगों ने महसूस की। आने वाले दिनों में तापमान के ऐसे बने रहने या इससे कम होने के आसार दिख रहे हैं। बस्तर मे ऐसा पहली बार हो रहा है जब ठंड का मौसम फरवरी तक जारी रहेगा।

जानिए, क्या है ला-नीना का प्रभाव

प्रशांत महासागर में पानी और हवा के सतही तापमान से ही बारिश, गर्मी और ठंड का पैटर्न तय होता है। ला-नीना प्रभाव से प्रशांत महासागर में दक्षिणी अमेरिका से इंडोनेशिया की तरफ हवाएं चलती हैं, जो सतह के गर्म पानी को उड़ाने लगती हैं। इसका असर ये होता है कि सतह पर ठंडा पानी उठने लगता है।

इससे सामान्य से ज्यादा ठंडक पूर्वी प्रशांत क्षेत्र के पानी में देखी जाती है। ला-नीना प्रभाव के चलते ठंड में हवाएं तेज चलती हैं। इससे भूमध्य रेखा के पास सामान्य से ज्यादा ठंड हो जाती है। इसी का असर मौसम पर पड़ता है।

हाल में विदा हुआ मानसून इसलिए उत्तर दिशा से आ रही ठंडी हवाएं, जिससे रात का तापमान गिर रहा

मानसून की विदाई के साथ ही दिन और रात के तापमान में अंतर बढ़ने लगा है। बस्तर में तापमान 11.5 डिग्री तक पहुंच चुका है। ये ठंड की दस्तक है। मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा ने मुताबिक सामान्य तौर पर ठंड का मौसम 15 दिसंबर से 12 फरवरी तक रहता है।

जनवरी के पहले हफ्ते में ठंड चरम पर होती है। इस साल मानसून 11 जून को आया और अभी हाल में विदा हुआ है। ऐसे में उत्तर दिशा से ठंडी हवाएं चल रही हैं। इन हालातों में रात के तापमान में गिरावट दिखने लगी है। पश्चिमी विक्षोभ की वजह से उत्तरी हवाओं का प्रभाव खत्म होगा। ऐसे में तापमान फिर बढ़ जाएगा।

ला-नीना दिसंबर में सक्रिय हो रही

दिसंबर में प्रशांत महासागर में ला-नीना सक्रिय हो रही है। यह ठंडी जलधारा है, जिससे भारत का तापमान गिरता है। वहीं इंडोनेशिया जैसे क्षेत्रों में भारी बारिश होती है। प्रदेश और खासकर दक्षिण छत्तीसगढ़ के मौसम पर भी ला-नीना का असर दिखेगा। पिछले सालों की अपेक्षा इस साल ज्यादा ठंड लगेगी और यह कुछ ज्यादा देर तक रहेगा।



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