नौ महीने में सबसे प्रदूषित शहर रहा खन्ना, एयर क्वालिटी इंडेक्स पहुंचा 131...पिछले साल 2019 के अक्टूबर महीने के एक्यूआई स्तर के भी टूटे रिकॉर्ड https://ift.tt/3nVw5ZZ

सुबह उठते ही आज शहरवासियों को जहरीला धुआं सूंघना पड़ा है। वीरवार को शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 131 रहा जोकि पिछले 9 महीने में सबसे ज्यादा है। धान के सीजन में पीएम 10 कैटेगिरी का प्रदूषण आज खतरे के निशान पर पहुंच गया। आज के एक्यूआई स्तर ने 2019 के अक्टूबर महीने का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया है। आज खन्ना के साथ लगते मंडी गोबिंदगढ़ में भी 324 रहा, जोकि खन्ना से तीन गुना है। पॉल्युशन का स्तर बढ़ने का कारण किसानों द्वारा पराली को आग लगाने के सिलसिले को शुरू करना है। अगर पराली जलाने के सिलसिले को न रोका गया तो इस बार खन्ना और इसके साथ लगते मंडी गोबिंदगढ़ में रहते लोगों को बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ा।
धान के सीजन में पीएम 10 कैटेगिरी प्रदूषण खतरे के निशान के पास पहुंचा
पीपीसीबी छह कैटेगिरी में पाॅल्यूशन को आंकता है, जिसमें गुड, सेटिस्फेक्टरी, माडरेट, पूयर, वैरी पूयर और सेवेयर शामिल हैं। वीरवार को खन्ना का पाॅल्यूशन का स्तर तीसरे नंबर की कैटेगिरी माडरेट आंका गया। पीपीसीबी के अनुसार माडरेड कैटेगिरी में हवा लोगों के लिए खतरनाक साबित होती है। सांस की बीमारी से पीड़ित लोगों को इस स्तर पर खास बचाव रखने की जरूरत होती है।
एक्टिव हुआ पीपीसीबी : उधर, पराली को आग लगाकर हवा में जहर घोलने वाले किसानों पर पीपीसीबी की टीमों ने सख्ती शुरू कर दी है। पीपीसीबी की टीम ने आज पराली को जलाने पर भादला नीचा, अलीपुर और रहोन माजरा में 3 किसानों पर करवाई की है। भादला नीचा में किसान का चालान काटते हुए 2500, अलीपुर में किसान का चालान काटते हुए 5000 और रहोन माजरा में किसान का चालान काटते हुए 2500 जुर्माना किया गया।
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