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3 लाख मेडिकेटेड मच्छरदानियां बांटीं, 12 मलेरिया मरीज मिले https://ift.tt/3163oQC

जिले में मलेरिया को रोकने के लिए किए गए उपाय अब तक सफल नहीं हो पाए हैं । पिछले तीन साल में विभाग ने इस बीमारी को रोकने के लिए 3 लाख मेडिकेटेड मच्छरदानी बांट चुकी है। इसके बावजूद 3 साल में 12 हजार से अधिक मलेरिया के मिले हैं। अब मलेरिया विभाग लोगों को मच्छर से बचाने के बाद सरकार के खजाने पर पड़ने वाले बोझ को कम करने में जुट गई है। इसके लिए विभाग ने नई योजना तैयार की है। विभाग अब लोगों को मेडिकेटेड मच्छरदानी नहीं बांटेगा। लोगों के घर जाकर सामान्य मच्छरदानी को निशुल्क मेडिकेटेड करेगा। यह योजना एक महीने के अंदर शुरू कर दी जाएगी।
अभी तक जो मेडिकेटेड मच्छरदानी बांटे जा रहे थे, एक मच्छरदानी पर 2 हजार रुपए शासन को खर्च करना पड़ता था। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इसपर सिर्फ 250 से 400 रुपए खर्च होंगे। इस तरह सरकारी खजाने में एक मच्छरदानी पर 1500-1600 रुपए की बचत होगी।
जिला मलेरिया अधिकारी एसएस टीकाम ने कहा कि मेडिकेटेड मच्छरदानी का उपयोग ग्रामीण उम्मीद के मुताबिक नहीं कर रहे हैं। बार- बार जागरूक करने और समझाइश देने के बाद पिछले 6 महीने से इसका उपयोग करने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है । इसे देखते हुए यह योजना बनाई गई। इसमें यदि कोई ग्रामीण बाजार से नार्मल मच्छरदानी ले आया तो उसे डेल्टामेथीन में डुबोकर एक दिन धूप में सुखाने के बाद उसे दे दिया जाएगा।

मासूमों के लिए भी बन रहा है खतरनाक
मलेरिया का कहर जहां अब तक पुरुषों और महिलाओं पर हो रहा था। अब इसका असर गर्भवतियों और बच्चों पर हो रहा है। जिले में इस साल दो चरणों में चलाए गए अभियान में करीब 1600 मलेरिया मरीज मिले हैं। इसमें करीब 1200 बच्चे जिनकी उम्र 15 साल है। वहीं करीब 400 गर्भवती महिलाएं शामिल हैं। इसमें दरभा और तोकपाल ब्लाक में सबसे ज्यादा हैं। अभियान को सफल करने के तहत विभाग दिसंबर से फिर तीसरा चरण शुरू करने जा रहा है।



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