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अपराधियों की डिजिटल लाइब्रेरी तैयार कर रही पुलिस, फोटो डिटेल और अंगूठे का निशान जुटाएंगे https://ift.tt/3mHYbq9

राजधानी में पुलिस अपराधियों की डिजीटल कुंडली तैयार कर रही है। इसमें निगरानी और आदतन अपराधियों के नाम, पते, फोन नंबर, बैंक खाते के ब्योरे के साथ उनके अंगूठे का निशान भी रहेगा। आंखों का बायोमेट्रिक भी सुरक्षित रखा जाएगा ताकि कोई भी पुलिस की निगरानी नई लिस्ट गलत जानकारी न दे सके। पूरा रिकॉर्ड कंप्यूटर में अपलोड किया जाएगा। पुलिस के अफसर जरूरत पड़ने पर नाम और जानकारी एंट्री करने के बाद एक क्लिक में उनकी पूरी कुंडली देख सकेंगे। इसमें छोटे से लेकर बड़े बदमाश और गिरोह की जानकारी होगी।
एसएसपी अजय यादव ने बताया कि अपराध का तरीका लगातार बदल रहा हैं। नए-नए गिरोह सामने आ रहे हैं। नए गिरोह के सदस्यों को ट्रेस करना कई बार मुश्किल होता है। पुलिस को वारदात का तरीका पता होता है तो आसानी से अपराधियों तक पहुंचा जा सकता है। इसलिए रायपुर में क्रिमिनल्स की लाइब्रेरी बनायी जा रही है। इसमें अपराध के तरीके के आधार पर रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा। यानी वे किस तरह से वारदात करते हैं, उसमें घटना के तरीके को विस्तार से लिखा जाएगा। उन्होंने बताया कि सभी थानों में उनका रिकार्ड रहे, इसलिए इसे अब डिजिटल फार्मेट में तैयार किया जा रहा है।

ड्रग्स की जानकारी होगी लाइब्रेरी में : रायपुर पुलिस ने हाल ही में ड्रग्स के बड़े रैकेट को पकड़ा है। पुलिस नशे के कारोबार को लेकर रिकॉर्ड तैयार कर रही है। रायपुर में कोकीन, एमडीएमए से लेकर अफीम, गांजा और नशीली दवाई की कैसे तस्करी होती है। किस वर्ग के लोग इसमें जुड़े हुए हैं।
कैसे नशे का नेटवर्क चलता है और कौन लोग इसमें जुड़े हुए हैं। इसकी पुरी जानकारी लाइब्रेरी में मिल जाएगी। तस्करी करने वालों की फोटो भी इसमें रहेगी।

ऑनलाइन ठगी करने वालों का अलग रिकॉर्ड
सायबर क्राइम को लेकर पुलिस की लाइब्रेरी में अलग से विकल्प होगा। इसमें सभी तरह के ठगी को लिया जाएगा। ऑन लाइन सिस्टम से खातों में ठग किस किस फार्मूले से सेंध लगाते हैं? ठगी के एक-एक तरीके की जानकारी इसमें दी जाएगी।

90 से ज्यादा गिरोह की जानकारी
गंज स्थित सायबर सेल ऑफिस में क्राइम ब्रांच में पदस्थ रहे पुराने अधिकारियों ने एक लाइब्रेरी तैयारी की है। इसमें 2017 तक के राजधानी में वारदात करने वाले 90 गिरोह और बदमाशों की जानकारी है। गिरोह के सदस्यों की फोटो, अपराध का तरीका और उनका कहां-कहां आपराधिक रिकॉर्ड है। इसकी जानकारी है। पुस्तकों की लाइब्रेरी की तरह बदमाशों की रिकॉर्ड की लाइब्रेरी बनाई गई है। दूसरे राज्यों से अपराधी को पकड़ने आने वाली पुलिस यहां की लाइब्रेरी आती रही है। यहां बदमाशों का रिकॉर्ड मिनटों में चेक किया जा सकता है। क्राइम ब्रांच बंद होने के बाद उसे लाइब्रेरी को भी अपडेट नहीं किया गया है। वहां ताला लगा हुआ है। अब उसे दोबारा अपडेट किया जाएगा।



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फाइल फोटो।


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