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किसानों के धान परिवहन पर राेक नहीं, दूसरे राज्य से तस्करी रोकने बनेंगी टीमें https://ift.tt/3l8oggP

राज्य में धान खरीदी शुरू होने के बाद एक जिले से दूसरे जिले में धान परिवहन करने वाले किसानों को इस साल अनावश्यक परेशान नहीं किया जाएगा। हालांकि दूसरे राज्य से चारपहिया वाहनों के अलावा बाइक से बार-बार धान लाने वालों की जांच की जाएगी। इसके लिए जिला प्रशासन, पुलिस और अन्य विभागों को जिम्मेदारियां दी गई हैं। बॉर्डर से लगे तीन-तीन खरीदी केंद्रों में विशेष निगरानी करने कहा गया है।
धान खरीदी के संबंध में गुरुवार को वित्त विभाग के एसीएस अमिताभ जैन, एसीएस सुब्रत साहू और खाद्य सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सभी कमिश्नर-कलेक्टर, आईजी-एसपी, जिला पंचायत सीईओ की बैठक ली। अधिकारियों को सीएम भूपेश बघेल के निर्देशों की जानकारी दी गई कि धान बेचने के दौरान किसानों को किसी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए। 27 नवंबर से किसानों को टोकन दिए जाएंगे। अधिकतम एक सप्ताह की अवधि के लिए टोकन दिए जाएंगे। एक हफ्ते में यदि किसान धान नहीं बेच पाएंगे तो उन्हें फिर से नया टोकन दिया जाएगा। इस बार पिछले साल के मुकाबले 2.49 लाख ज्यादा किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है। किसानों का पंजीयन बढ़ने के साथ ही खेती के रकबे में बढ़ोतरी हुई हैै। गिरदावरी के बाद डाटा एंट्री का काम 10 नवंबर तक पूरा कर लिया गया है। एक दिसंबर के बाद गिरदावरी में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा।

70 हजार गठान प्लास्टिक बारदाने की खरीदी की गई
धान खरीदी शुरू होने से पहले बारदाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। पीडीएस सिस्टम और मिलरों से लिए गए बारदानों का भौतिक सत्यापन कराने कहा गया है। बारदाने एकत्र कर खरीदी केंद्रों में समय पूर्व उपलब्ध कराए जाएं। अधिकारियों ने बताया कि बारदानों की कमी की पूर्ति के लिए राज्य शासन द्वारा 70 हजार गठान प्लास्टिक के बारदाने खरीदी जा रही है। इस प्लास्टिक के बारदाने का उपयोग केवल धान खरीदी कर सबसे पहले सीधे मिलरों के पास भेजने के लिए किया जाएगा। प्लास्टिक बैग का उपयोग चावल रखने के लिए नहीं किया जाएगा।

किसानों की संख्या बढ़ी, इसलिए 260 नए धान खरीदी केंद्र खोले गए
धान बेचने वाले किसानों की संख्या के साथ रकबा बढ़ने से किसानों की सुविधा के लिए राज्य में लगभग 260 नए खरीदी केंद्र खोले गए हैं। इन केंद्रों में चबूतरा निर्माण सहित खरीदी केंद्र के चारों तरफ सुरक्षा के लिए घेरा की व्यवस्था, ड्रेनेज सिस्टम, बारदाना, तालपतरी, कांटा-बांट सत्यापन, मॉइश्चर मीटर, बोर्ड लगाने का कार्य खरीदी शुरू होने से पूर्व पूरा कर ऑनलाइन रिपोर्ट अपलोड करने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य के खरीदी केन्द्रों में दो चरणों में 7620 चबूतरों का निर्माण कराने की स्वीकृति दी गई है। जिन जिलों में चबूतरा निर्माण का कार्य पूर्ण नहीं हो पाया हैं, उन्हें 30 नवंबर तक निर्माण कार्य पूरा करने कहा गया है।



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No rake on paddy transport of farmers, teams will be formed to stop smuggling from other states


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