काॅलेज-यूनिवर्सिटी में छात्राें का आना शुरू, हाॅस्टल बंद; रिसर्च स्काॅलर्स काे भी नहीं मिले https://ift.tt/3kY9eLD
हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी सहित काॅलेजाें काे छात्राें की पढ़ाई के लिए खाेल ताे दिया है, लेकिन हाॅस्टल खाेलने पर अभी तक काेई निर्णय नहीं हुआ है। कैंपस आने वाले स्टूडेंट कहां रहेंगे, ये सबसे बड़ा सवाल है। वहीं, प्रशासन की ओर से कहा गया है कि जब तक हाॅस्टल खाेलने के लिए गाइडलाइन नहीं आती, हॉस्टल बंद रहेंगे। काॅलेजाें में एडमिशन के लिए ऑनलाइन आवेदन ताे मांंगें जा रहे हैं।
लेकिन फिलहाल हाॅस्टल देने से प्रशासन ने इनकार कर दिया है। इस सत्र में छात्राें काे हाॅस्टल मिलेगा या नहीं, इस पर प्रशासन ने अब तक काेई फैसला नहीं लिया है। प्रदेश भर के करीब 113 काॅलेजाें में एक तिहाई स्टूडेेंट अब कैंपस आ रहे हैं। काॅलेज प्रबंधन की ओर से छात्राें काे कहा गया है की फिलहाल हाॅस्टल नहीं मिलेगा। क्याेंकि, काेविड-19 की गाइडलाइंस के मुताबिक अभी हाॅस्टल में किसी काे नहीं रखा जा सकता है।
वहीं, एचपीयू और शिमला शहर के सभी काॅलेजाें के हाॅस्टलाें काे फिलहाल खाली रखा गया है। यहां पर रिसर्च स्काॅलराें काे भी अब रहने की अनुमति नहीं हैं। काॅलेजाें में करीब 8500 स्टूडेंट और एचपीयू में 1600 स्टूडेंट हाॅस्टल में रहते हैं।
प्रदेश भर के कॉलेजों में 8500 के करीब स्टूडेंट्स रहते हैं हॉस्टल में
दूरदराज क्षेत्राें के छात्राें काे हाे रही सबसे ज्यादा दिक्कतः
काेराेना संकट में सबसे ज्यादा दिक्कत दूरदराज क्षेत्राें के छात्राें काे हाे रही है। एचपीयू की बात करें ताे यहां पर साल भर का हाॅस्टल का खर्च महज 7000 रुपए हैं। जबकि शिमला में अगर सिंगल रूम भी लेना है ताे पांच हजार रुपए प्रति महीना देना पड़ता है।
प्रशासन की ओर से छात्राें काे कहा जा रहा है की शैक्षणिक सत्र जल्द शुरू कर दिया जाएगा, ऐसे में वे अपने रहने का इंतजाम खुद कर लें। उदाहरण के लिए अगर काेई स्टूडेंट किन्नाैर से शिमला पढ़ने के लिए आ रहा है ताे एक लाख रुपए साल का उसे किराए के कमरें का चुकाना हाेगा।
एचपीयू में 1200 स्टूडेंट्स रहते हैं हॉस्टलों मेंः
एचपीयू के हाॅस्टलाें में करीब 1600 स्टूडेंट रहते हैं, जिनमें 1120 छात्राएं हैं। पीएचडी वर्क और अन्य तरह के रिसर्च ऑनलाइन नहीं हाे सकते हैं, उसके लिए फील्ड में जाना जरूरी है, जबकि छात्र कैसे स्टडी करेंगे रहने के लिए हाॅस्टल नहीं हैं। इसी तरह आरकेएमवी में भी ट्राइबल क्षेत्र की रहने वाली छात्राएं रह रही थी, उन्हें भी अब घर भेज दिया गया है। संजाैली काॅलेज में छात्राें काे हाॅस्टल देने से फिलहाल इनकार कर दिया गया है।
इसलिए नहीं दे रहे हाॅस्टलः
एमएचआरडी की ओर से साफ निर्देश है की छात्राें की भले ही एडमिशन करवा दाे, लेकिन एक साथ स्टूडेंट काे हाॅस्टल में नहीं रहने दिया जा सकता है। इस पर शिक्षा विभाग और हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी ने भी सभी काॅलेजाें काे निर्देश दिए हैं कि वे छात्राें काे अभी हाॅस्टल अलाॅट न करवाएं। जब तक नई गाइडलाइन नहीं आती है, तब तक हाॅस्टल अलाॅट न करवाएं।
अभी हाॅस्टल खाेलने पर काेई फैसला नहीं हुआ है। छात्र हित में ही आगामी दिनाें में फैसला लिया जाएगा। हम गाइडलाइन का इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद ही हाॅस्टल खाेलने पर विचार हाेगा। रिसर्च स्काॅलराें के लिए भी अभी हाॅस्टल नहीं खाेले जाएंगे। प्राे. अजय अत्री, चीफ वार्डन, एचपीयू
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