कैप्टन का दिल्ली में धरना, बोले- केंद्र सौतेला व्यवहार कर रहा है, कैप्टन विधायकों के साथ जंतर-मंतर पहुंचे, भाजपा भी आक्रामक https://ift.tt/3jSck2k
मालगाड़ियां न चलने को लेकर पंजाब व केंद्र सरकार के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंत्रियों-विधायकों के साथ बुधवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दिया। कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने कई दिन से ट्रेनें रोक रखी हैं। केंद्र पंजाब के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है। धरने के बाद सीएम ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक भी की।
कैप्टन राजघाट पर धरना देना चाहते थे पर पुलिस ने अनुमति नहीं दी। वहीं, रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कांग्रेस के 8 सांसदों को वीरवार दोपहर 1 बजे मिलने का समय दिया है। रेलवे ने बुधवार दोपहर फोटो जारी कर कर बताया था कि कई जगह अभी भी धरने हैं। पंजाब में कोयले की कमी के कारण रोज 3-4 घंटे तक बिजली की कटौती होने लगी है। खाद की किल्लत है। उद्योगों का स्टॉक बढ़ने लगा है। सीएम ने कहा कि केंद्र राज्य को जीएसटी का हिस्सा नहीं दे रहा। वह दिल्ली में केंद्र से टकराव के लिए नहीं, गरीब किसानों के लिए इंसाफ की लड़ाई लड़ने आए हैं, जिनकी रोजी-रोटी केंद्रीय कानूनों के कारण खतरे में है।
सीएम बोले- जानता हूं राज्यपाल ने बिल आगे नहीं भेजे
मुख्यमंत्री ने कहा, वह जानते हैं कि राज्यपाल ने बिल नहीं भेजे हैं और उन्हें कोई भूमिका अदा नहीं करनी है। वह राष्ट्रीय सुरक्षा और खाद्य सुरक्षा संबंधी पंजाब की चिंताएं ज़ाहिर करने के लिए राष्ट्रपति से मिलना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार पंजाबियों के बलिदान की पृष्ठभूमि में जाकर पंजाब की समस्याओं के हल पर विचार करेगी।
पंजाब में किसानों के विरोध से 32 जगहों पर रेल सेवा ठप, राेज 14.85 कराेड़ का नुकसान : रेलवे
जावड़ेकर बोले- राज्य सरकार की निष्क्रियता का नतीजा
किसान आंदोलन के कारण 32 जगह रेल पटरियाें पर ट्रेनाें का अावागमन ठप है। इस वजह से रेलवे को हर रोज 14.85 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। 24 सितंबर से अब तक रेलवे 1200 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। वहीं, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि ट्रैक पर जाम पंजाब सरकार की निष्क्रियता के कारण है। बिजली के मुद्दे पर मंत्री ने कहा कि जितनी बिजली पंजाब को मिलती थी, उतनी केंद्र दे रहा है।
कैप्टन ने कहा- सिर्फ दो स्थानों पर रुकी है रेल लाइन
सीएम ने कहा कि सिर्फ दो स्थानों पर रेलवे लाइन रोकी गई है, जो मुख्य लाइन से बाहर हैं और दो निजी प्लांटों के साथ जुड़ी हैं। अन्य सभी लाइनें खुली हुई हैं। रेल मंत्री को हमने पूरी सुरक्षा का भरोसा भी दिया था।
आपने ही किसानों को भड़काया... कहा था प्रदर्शन पर केस नहीं होगा
बोले- पंजाब के हालात को लेकर केंद्र सरकार गंभीर और चिंतित
सूबे में मालगाड़ियां नहीं चलने को लेकर पंजाब और केंद्र के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है। तीन दिन पहले मुख्यमंत्री ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को चिट्ठी लिखकर पंजाब में मालगाड़ियां चलाने की मांग की थी। इसके जवाब में नड्डा ने बुधवार शाम सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के नाम लिखे पत्र में कहा कि पंजाब की स्थिति को लेकर केंद्र पूरी तरह गंभीर और चिंतित है। जो हालात बन गए हैं, उसके लिए कैप्टन अमरिंदर ही जिम्मेदार हैं।
नड्डा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के मुताबिक सड़क, रेल ट्रैक जैसे सार्वजनिक स्थलांे पर प्रदर्शन नहीं किया जा सकता। रोष जताने के और भी कई जरिये हैं। सर्वोच्च न्यायालय की अनदेखी कर मुख्यमंत्री ने आंदोलन कर रहे किसानों को यह कहकर भड़काया कि सरकार उनके खिलाफ केस दर्ज नहीं करेगी। केंद्र सरकार पंजाब में मालगाड़ियां ही नहीं, पैसेंजर ट्रेनें भी चलाना चाहती है। कैप्टन सरकार सुरक्षा मुहैया नहीं करवा रही।
चिट्ठी अभी तक नहीं मिली, फिर भी जवाब दे रहा हूं
नड्डा ने लिखा कि कैप्टन को किसानों की चिंता नहीं। उन्होंने मुझे नहीं, मीडिया को चिट्ठी लिखी। तीन दिन बाद भी कैप्टन की चिट्ठी नहीं मिली। मीडिया से मिली जानकारी के बाद आपको इसलिए जवाब दे रहा हूं ताकि किसानों को गुमराह करने की कोशिश कामयाब न हो।
किन मुद्दों पर क्या दिया जवाब
किसानों के गुस्सा शांत करने की बजाय और भड़काया जा रहा है
भाजपा अध्यक्ष ने लिखा, किसानों को शांत करने की बजाय पंजाब सरकार ने आग में घी डालने का काम किया। कहा कि धरने लगाने वालों पर केस नहीं होगा। केंद्र के कानूनों के खिलाफ अपने बिल पास किए।
रेल मंत्री को चिट्ठी लिखी लेकिन रेलवे ट्रैक खाली नहीं करवाए गए
जेपी नड्डा ने लिखा कि 25 अक्टूबर को आपने रेल मंत्री को चिट्ठी लिखकर मालगाड़ियां चलाने की मांग की। मंत्री ने अगले दिन सुरक्षा यकीनी बनाने के लिए कहा पर आपने धरने हटवाने के प्रयास नहीं किए।
कांग्रेस सरकार सियासत के लिए अपना ही मेनिफेस्टो भूल गई...
चिट्ठी में नड्डा ने लिखा, तीनों कानूनों पर संसद में चर्चा में कांग्रेस सांसदों ने भी हिस्सा लिया। अब सियासी कारणों से आप अपना मेनिफेस्टो भूल गए। आपने वादा किया था ऐसे ही कानून बनाएंगे।
किसानों के मुद्दे पर सियासत छोड़, बतौर सीएम अपनी जिम्मेदारी समझें
नड्डा ने लिखा, आप किसानों के मुद्दों पर सियासत छोड़ बतौर सीएम अपनी जिम्मेदारी समझें। किसानों काे न भड़काया जाए। किसानों की आय बढ़ेगी और वह अपनी फसल कहीं भी बेच सकेंगे।
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