गोलबाजार की जमीन सरकार ने निगम को सौंपी, दुकानों की रजिस्ट्री जनवरी से https://ift.tt/3fJiuBg
गोलबाजार के 960 दुकानों की रजिस्ट्री जनवरी से होगी। सरकार ने 1 रुपए के टोकन पर गोलबाजार की जमीन निगम को देने का फैसला कर लिया है। सरकार के इस फैसले के साथ ही गोलबाजार की दुकानें कारोबारियों को बेचने का रास्ता साफ हो गया है। सरकार से निगम को बाजार की जमीन मिलने के साथ ही इसे बेचने का अधिकार भी मिल गया है। कलेक्टर गाइड लाइन के हिसाब से दुकानों की साइज के अनुसार कीमत तय की जाएगी।
मेनरोड की दुकानें मौजूदा दर के हिसाब से 10 और भीतर की 7 हजार प्रतिवर्ग फुट के हिसाब से बेची जाएंगी। दुकानें बेचकर निगम करोड़ों कमाएगा। कलेक्टर गाइडलाइन दर में बदलाव हो सकता है। निगम अफसरों के अनुसार मेन रोड पर ही किसी जगह की कीमत में अंतर आ सकता है। भीतर भी कीमत घट-बढ़ सकती है। रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरु होने में एक महीने का समय लग सकता है। इस वजह से अगले साल जनवरी से रजिस्ट्री शुरू करना तय किया गया है।
निगम अफसरों के अनुसार कैबिनेट के फैसले के बाद अगले महीने के पहले सप्ताह तक बाजार की जमीन निगम के हैंड ओवर होगी। उसके तुरंत बाद ही बेचने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इसमें भी एक महीना लग सकता है। इस वजह से रजिस्ट्री के लिए जनवरी का समय तय किया जा रहा है। अफसरों के अनुसार रजिस्ट्री के लिए कारोबारियों को नोटिस जारी किया जाएगा। दुकानों की साइज और कलेक्टर गाइडलाइन रेट के आधार पर कीमत तय की जाएगी। गौरतलब है कि करीब 6 माह पहले निगम ने गोलबाजार के कारोबारियों को मालिकाना हक देने का निर्णय लिया था। उसके बाद शासन के पास प्रस्ताव भेजा गया।
जिनके नाम पर आवंटन, उसी के नाम पर रजिस्ट्री
गोलबाजार की दुकानें जिन कारोबारियों के नाम पर आवंटित हुई है, उसी के नाम पर रजिस्ट्री की जाएगी। ऐसे कारोबारी जिन्होंने हाल के वर्षों में खरीदी है, उन्हें दोबारा दुकान खरीदना होगा। निगम के रिकार्ड के अनुसार गोलबाजार में 960 कारोबारियों को पट्टा और पाटा आबंटित हुआ है। इनमें से कई लोगों ने अपनी दुकानें रिश्तेदारों और परिचितों को बेच दी है, लेकिन इसका अधिकृत रिकार्ड नहीं है। इसकी वजह यह है कि कारोबारियों दुकानें बेचने का अधिकार नहीं है।
अब ऐसे लोग निगम की इस योजना से दिक्कत में आ रहे हैं। जिन लोगों ने दुकान खरीदी है, उसका कोई दस्तावेज निगम के रिकार्ड में नहीं है जबकि उन्होंने दुकान खरीदकर पैसे दे दिए हैं। निगम उसी के नाम से रजिस्ट्री करेगा, जिसके नाम पर आवंटन है। ऐसी दशा में जिसने दुकान पूर्व में खरीदी है, उसे अपने नाम पर रजिस्ट्री करानी है तो उसे दोबारा खरीदना पड़ेगा।
स्मार्ट सिटी बनाएगा मार्केट
एक सदी पुराने और शहर के सबसे चर्चित गोलबाजार को नए सिरे से सजाया और संवारा जाएगा। स्मार्ट सिटी इस बाजार को स्मार्ट मार्केट के रूप में तब्दील करेगा। इसकी ड्राइंग-डिजाइन भी तैयार की जा रही है। निगम की जिम्मेदारी काम दुकानों की रजिस्ट्री करवाना है और स्मार्ट सिटी यहां पर सड़क, बिजली, पानी, टायलेट की व्यवस्था उपलब्ध कराएगी।
सुरक्षा के लिहाज से पूरे बाजार में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। बाजार में प्रवेश के लिए 16 प्रवेश द्वार हैं। इनमें से कुछ को बंद किया जाएगा। बाजार के बीचोबीच गोल गुंबद जो इसकी पहचान है, उसे भी संवारा जाएगा। गुंबद के आसपास कब्जों को भी हटाने की तैयारी है, हालांकि यहां भी बरसों से कारोबार हो रहा है। यहां दर्जनों दुकानें हैं।
हमारा प्रयास सफल
हमारा प्रयास सफल हुआ। शासन ने एक रुपए टोकन पर निगम को जमीन देने का फैसला किया है। अब निगम दुकानों की रजिस्ट्री कराएगा। पैसे का बंटवारा निगम और राज्य शासन के बीच होगा। इसका फैसला मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित होने वाली कमेटी करेगी।
एजाज ढेबर, महापौर रायपुर
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