छत्तीसगढ़ी दिवस पर ‘जय’ के घर ‘वीरू’ के लिए छत्तीसगढ़ी व्यंजन, लाल भाजी-मुनगा बड़ी से सजी थाली https://ift.tt/2KH71GY
(कौशल स्वर्णबेर) वक्त था शनिवार की रात 9 बजे। स्थान स्वास्थ्य मंत्री टीएस बाबा का सिविल लाइन स्थित बंगला। छत्तीसगढ़ के ‘जय’ के घर सरकार बनने के बाद पहली बार ‘वीरू’ आने वाले थे। ‘वीरू’ यानी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल। छत्तीसगढ़ में बाबा को जय और भूपेश को वीरू नाम देने वाले कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया खुद मौजूद थे। अच्छी ठंड के बीच हंसी ठिठोली और गर्मजोशी का माहौल दिखा। छत्तीसगढ़ राजभाषा दिवस पर छत्तीसगढ़ी व्यंजन।
दही बड़े और गुड़ की खीर के साथ राजनीति की खट्टी मीठी यादें ताजा हुईं। टीएस सिंहदेव ने पूरे मंत्रिमंडल को अपने घर भोज के लिए आमंत्रित किया था। पीएल पुनिया पहले पहुंच चुके थे। इंतजार था मुख्यमंत्री का। तकरीबन सवा नौ बजे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहुंचे। जैसे ही मुख्यमंत्री के आने की सूचना मिली, टीएस सिंहदेव उनका स्वागत करने पहुंचे और मुख्यमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया। थोड़ी देर बाद सभी एक राउंड टेबल पर बैठे और चर्चाएं शुरू हुईं।
पीएल पुनिया ने दोनों नेताओं को मरवाही की जीत की बधाई दी और कहा कि मरवाही की जीत ने पार्टी को और मजबूत कर दिया है। टीएस सिंहदेव मेजबान थे। वे पीएल पुनिया और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बीच बैठे थे। इनके साथ उसी राउंड टेबल में सभी मंत्री थे। रूद्र गुरु किसी कारणवश नहीं पहुंचे। जैसे-जैसे खाने की टेबल सजने लगी, राजनीति की चर्चाएं जोर पकड़ने लगी और हंसी के फव्वारे छूटने लगे। मरवाही के चुनावी दांव-पेंच में किसने किसको कैसे पछाड़ा, इस पर भी मजे लिए गए।
मरवाही चुनाव के प्रभारी जय सिंह अग्रवाल ने मरवाही के कई किस्से सुनाए, खाने के साथ जिसका लुत्फ लिया जाता रहा। खाने की टेबल में थोड़ी देर बाद ठेठ छत्तीसगढ़िया व्यंजन भी आने लगे। इनमें लालभाजी, दही बड़ा, मुनग-बड़ी, बिजौरी, लालभाजी, देसी दाल जैसी चीजें मुख्य थी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को छत्तीसगढ़िया व्यंजन बेहद पसंद है, वे कई मौकों पर यह बात कह भी चुके हैं।
लिहाजा जब टेबल पर थाली में लालभाजी और मुनगा-बड़ी की सब्जी मुख्यमंत्री ने देखी, उनके चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आई। हालांकि इसके साथ ही नॉन वेज का भी इंतजाम था। मीठे में गुड़ की खीर बनी थी। सरकार 17 दिसंबर को अपने दो साल पूरे करने जा रही है, इससे पहले जब पूरी सरकार टीएस सिंहदेव के घर बैठी, तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजेंद्र तिवारी ने इस भोज का उल्लेख करते हुए कहा कि यह एक अच्छी शुरुआत है और अगला भोज जल्द ही किसी मंत्री के यहां होगा।
इस भोज की अच्छी बात यह थी कि यहां सारे लोग राजनीतिक थे, लेकिन बातें अराजनीतिक, व्यक्तिगत और अनौपचारिक। इस भोज ने एक दूसरे को और ज्यादा मजबूती से जोड़ने का काम किया है। यहां करीब 30 नेता मौजूद थे, लेकिन सभी परिवार के सदस्य की तरह बैठे थे।
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