शहरी क्षेत्र में ऋण पुस्तिका जमा कर नाम पुकारे फिर बांटे टोकन, ग्रामीण क्षेत्र में रात 9 बजे से ही कतार, अब तक कर रहे इंतजार https://ift.tt/3fM8h7a
किसी सोसायटी में टोकन के लिए किसानों की भीड़, तो किसी सोसायटी में ऋणपुस्तिका का अंबार है। अफसर भी मौन, बता नहीं पा रहे कि अब तक कितने किसानों को टोकन जारी हो पाया है।
तर्क दे रहे हैं, रजिस्टर में नाम लिखकर टोकन जारी किया जा रहा है इसलिए ऑनलाइन रिकॉर्ड में आंकड़ा नहीं दिख रहा है।
यह हाल है जिले के अधिकांश धान खरीदी केंद्रों का, जिले के 69 सेवा सहकारी समिति के अंतर्गत 124 केंद्रों में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की शुरूआत 2 दिन बाद एक दिसंबर से होगी। इसके पहले किसानों को टोकन के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। रविवार को छुट्टी रहेगी, और सोमवार को गुरूनानक जयंती के दिन टोकन जारी हो पाएगा या नहीं, इस पर संशय की स्थिति है।
क्योंकि अफसर कह रहे टोकन जारी होगा और कई सोसायटी के प्रबंधक कह रहे छुट्टी रहेगी तो टोकन नहीं कटेगा। रतजगा कर कतार में लगने के बाद भी अधिकांश किसानों को टोकन नहीं मिल पाया है। जिसकी पुष्टि खुद समिति अध्यक्ष व प्रबंधक कर रहे हैं, जिम्मेदारों का कहना है, कि शुक्रवार से टोकन जारी करने का आदेश दिया गया था लेकिन ऋणपुस्तिका जमा करने में ही सुबह से शाम हो गया, जब सॉफ्टवेयर ओपन कर रिकॉर्ड देखा तो कई किसानों का रकबा ही नहीं दर्शाया।
ऐसे समझें कहां क्या स्थिति रही
शहरी क्षेत्र: सेवा सहकारी समिति बालोद- यहां दोपहर 12 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक टोकन के लिए समय निर्धारित किया गया था । पहले दिन धान बेचने 25 लोगों को ही टोकन जारी किया गया है। सुबह 5 बजे से ही कुछ किसान यहां पहुंचकर अपनी बारी आने का इंतजार करते रहे। भास्कर टीम जब यहां पहुंची तो ऋणपुस्तिका जमा करने के बाद बगल में दोपहर 3 बजे तक टोकन मिलने का इंतजार करते नजर आए। यहां दो काउंटर बना है।
जिसमें एक काउंटर बालोद, हीरापुर, झलमला के किसानों के लिए व दूसरा काउंटर बघमरा व मेड़की से आने वाले किसानों के लिए बनाया गया है। किसानों की ऋण पुस्तिका जमा कर े नाम पुकार कर टोकन जारी किया गया। इसके अलावा मास्क लगाने व सोशल डिस्टेंस का पालन करने की अपील की गई लेकिन अधिकांश बिना मास्क के ही नजर आए।
ग्रामीण क्षेत्र : सेवा सहकारी समिति हल्दी- यहां 27 नवंबर को शाम 6 बजे मुनादी कराई गई कि टोकन जारी किया जाएगा, यह खबर लगते ही किसानों ने रात 9 बजे से ही लाइन लगाना शुरू किया ताकि अगली सुबह ऋणपुस्तिका जमा कर जल्द टोकन ले सकें। समिति अध्यक्ष जब रात 10 बजे पहुंचे तो बंडल बनाकर ऋणपुस्तिका किसान रख चुके थे।
किसी बंडल में 10 तो किसी में 20,25, 30 की संख्या में ऋणपुस्तिका रखी गई। जिसके हिसाब से किसानों को टोकन के लिए समय दिया गया है। समिति अध्यक्ष हरदेव सार्वा ने बताया कि सिर्राभाठा, हल्दी के 900 किसान धान बेचने पहुंचेंगे। इसके पहले सभी को टोकन जारी करना चुनाैती है, एक साथ ज्यादा संख्या में किसान पहुंच रहे हैं। 600 किसानों की ऋणपुस्तिका जमा हो चुकी है। जिसे बारी-बारी से टोकन जारी किया जाएगा।
किसानों का दर्द- भैय्या टोकन के लिए रात से खड़े हैं कतार में अब बचा है सिर्फ इंतजार
1. ग्राम देवारभाट से पहुंची लक्ष्मीबाई बघेल निवासी ने कहा कि धान की कटाई, मिंजाई हो चुकी है, अब बेचने का इंतजार कर रहे है। धान कोठार में खुले आसमान के नीचे पड़ा हैं, टोकन के लिए रात से ही आ गई थी, फिर सुबह फिर आकर लाइन में खड़ी हूं।
2. सिवनी पंचायत के आश्रित गांव देऊरतराई से पहुंचे अजय कुमार ने बताया कि सुबह से पंजीयन प्रमाण पत्र के लिए लाइन लगे हैं। टोकन के लिए के लिए ऋण पुस्तिका जमा कर इंतजार कर रहे है। नवंबर में खरीदी शुरू हो जाती तो अब तक धान बेच चुके होते।
इधर बारदाना संकट, 3 दिन ही हो पाएगी खरीदी
हल्दी सोसायटी में शनिवार तक 7500 नया बारदाना बारदाना पहुंच पाया है। पुराना एक भी नहीं पहुंचा है। एक दिन में 2500 से 3000 तक बारदाना का उपयोग होता है। ऐसे में उपलब्ध बारदाना से 3 दिन ही खरीदी हो पाएगी। सरकार का नियम है कि 60 प्रतिशत नया व 40 प्रतिशत पुराने बारदाने का उपयोग करना है। इसके लिए पहले ही निर्देश दिए हैं। ओवरऑल अब तक कितना बारदाना पहुंचा है और कितने केंद्रों में पहुंचा है इस संबंध में अफसर कुछ बता नहीं पा रहे है।
आखिर टोकन के लिए कतार की स्थिति क्यों
क्योंकि खरीदी एक माह की देरी से शुरू हो रही है। कृषि विभाग के अनुसार खरीदी के पहले ही 90 प्रतिशत धान की कटाई और 55 प्रतिशत मिंजाई हो चुकी है, अधिकांश किसान पिछले कई दिनों से धान सबसे पहले बेचने की होड़ में लगे है। इधर हल्दी सोसायटी में अलग ही नजारा देखने को मिला। यहां इस तरह बंडल बनाकर किसानों के ऋणपुस्तिका को रखा गया है, टोकन देना अभी बाकी है।
बिना अनुबंध के ही धान खरीदी?
सोसायटी प्रबंधकों व अध्यक्षों के अनुसार जब खरीदी दो दिन बाद शुरू होने वाली है और शनिवार शाम तक अनुबंध नहीं हो पाया है। दरअसल विपणन संघ, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक और सेवा सहकारी समिति के बीच अनुबंध में धान खरीदी मात्रा, बारदाना सप्लाई, परिवहन, धान उठाव, व्यय व अन्य खर्चों का हिसाब सहित अन्य बिंदु शामिल होते है। जो एक जरूरी प्रक्रिया है।
आगे परेशानी होगी इसके लिए यह जिम्मेदार
1.सेवा सहकारी समिति: जिम्मेदारी- सोशल डिस्टेंस का पालन कराकर मास्क लगाने वाले किसानों को टोकन नियमानुसार जारी करने की जिम्मेदारी दी गई है।
ये कह रहे: जिलाध्यक्ष ठाकुरराम चंद्राकर ने कहा कि सभी किसान चाह रहे हैं कि धान जल्द बेचें। बारदाना का अभाव है, अब तक अनुबंध नहीं हो पाया है।
2. नोडल अफसर: शासन, जिला प्रशासन की ओर से किसानों, समिति की समस्या को दूर करने व मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी दी गई है।
जिम्मेदार मौन: नोडल अफसर एसके वैदे व्यस्तता का हवाला देकर हर बार की तरह इस बार भी कॉल अटेंड न कर चुप्पी साध लिए। वे धान खरीदी के संबंध में कुछ कहना नहीं चाह रहे हैं।
3. डीएमओ : सोसायटियों को धान खरीदी के लिए बारदाना उपलब्ध कराना, अनुबंध, मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी दी गई है।
जिम्मेदार मौन: खरीदी के पहले पर्याप्त बारदाना उपलब्ध हो जाने व किसी तरह की दिक्कत नहीं आने का दावा करने वाले डीएमओ शशांक सिंह कुछ कहना नहीं चाह रहे है।
रकबा घटा- किसान बोले- कैसे पटाएंगे कर्ज
पीपरछेड़ी के किसान फगनलाल साहू ने बताया कि पिछले साल धान का रकबा 1.40 हेक्टेयर था। जो इस साल घटकर 1.07 हेक्टेयर हो है। ऑपरेटर कह रहा है कि तकनीकी दिक्कत आई होगी। ऐसे में तो मैं सोसायटी से 45 हजार कर्ज लिया हूं, वह नहीं पटा पाउंगा। 82 डिसमिल रकबा कम होने से 12-13 क्विंटल धान बेच नही पाउंगा। इस संबंध में कलेक्टर, तहसीलदार को आवेदन सौंपा हूं। किसानों ने कहा कि इस तरह की परेशानी दूर की जाए।
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