टोकन बंटने के पहले दिन ही धान खरीदी केंद्रों में लगी लंबी लाइन, इस साल दो लाख 45 हजार किसान बढ़े https://ift.tt/3mgFbPI
छत्तीसगढ़ में एक दिसंबर से शुरू होने वाली धान खरीदी के लिए किसानों को शुक्रवार से टोकन मिलने लगा है। खराब मौसम के बाद भी पहले दिन किसान टोकन लेने सोसायटियों की ओर निकले। बताया गया है कि पिछले खरीफ सीजन की तुलना में इस साल 2 लाख 49 हजार अधिक किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है। इस साल सरकार ने 90 लाख टन खरीदी का लक्ष्य तय किया है। इस पर करीब 22500 करोड़ खर्च होंगे।
पंजीकृत किसान शुक्रवार को खरीदी केन्द्रों में पहुंचे तो कुछ केन्द्रों में किसानों से कहा गया है कि उन्हें टोकन सोसायटी में मिलेंगे। इसलिए किसानों को भटकना पड़ा। जानकारी के मुताबिक राजिम,मंदिर हसौद,मानिकचौरी,नरदहा,गौरघाट, सरनाबहाल, बिलासपुर,पत्थलगांव के अलावा अनेक स्थानों पर किसानों को लंबी लाइन लगानी पड़ी। गरियाबंद में तो किसानों ने एनएच को जाम किया। टोकन एक सप्ताह के लिए वैध होगा। वहीं गिरदावरी का काम 10 नवंबर को समाप्त हो चुका है। रकबे में परिवर्तन के संशोधन 30 नवंबर तक कराए जा सकेंगे। धान खरीदी शुरु होने के बाद रकबे में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा।
तेजी से बन रहे चबूतरे : धान खरीदी के लिए इस बार प्लास्टिक के बारदानों का उपयोग किया जाएगा। इन बारदानों से धान खरीदी कर सीधे मिलरों को भेजा जाएगा इनका उपयोग चावल रखने के लिए नहीं किया जाएगा। सभी खरीदी केन्द्रों में चबूतरों का निर्माण कराया जा रहा है। 30 नंवबर तक सभी केंद्रों में चबूतरों का निर्माण अनिवार्यत: करने के निर्देश दिए गए हैं।
सरकार को किसानों की चिंता नहीं: कौशिक
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कुछ धान खरीदी केंद्रों में तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि सभी केन्द्रों में इसी तरह की अव्यवस्था है। किसानों में काफी रोष है लेकिन सरकार को किसानों की कोई चिंता नहीं है। पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि टोकन वितरण के स्पष्ट निर्देश न होने से किसान दिनभर परेशान रहे।
कांग्रेस करेगी निगरानी
धान खरीदी की निगरानी के लिए कांग्रेस की त्रि-स्तरीय समितियां बनाई जा रही है। कांग्रेस संचार प्रमुख शैलेष नितिन त्रिवेदी ने बताया कि छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती राज्यों से धान का अवैध परिवहन किया जाता है कांग्रेस की जिला और ब्लाक समितियां ऐसे ही परिवहन वाले धान को रोकने का काम करेगी। 11 सदस्यीय इस समिति में कांग्रेस नेताओं, किसानों, किसान कांग्रेस के पदाधिकारियों को शामिल किया गया है। राजीव भवन में कंट्रोल रुम भी बनाया जाएगा।
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