Breaking News

इस बार 70 हजार प्लास्टिक बोरियों का होगा उपयोग, 700 नई समितियां से मिलेगी किसानों को राहत https://ift.tt/2TPhrpu

प्रदेश में धान खरीदी एक दिसंबर से शुरू होगी। इस बार भी केंद्र सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से धान की खरीदी की जाएगी। अंतर की राशि इस बार की तरह ही किसानों को दी जाएगी। धान खरीदी के लिए इस बार 70 हजार प्लास्टिक बोरियों का उपयोग किया जाएगा। पिछले साल की तरह इस साल भी प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान की खरीदी होगी।
सोमवार को हुई मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक में धान खरीदी के संबंध में कई अहम निर्णय लिए गए। खाद्यमंत्री अमरजीत भगत ने बताया कि धान खरीदी के लिए बारदानों की कमी न हाे इसलिए जूट कमिश्नर से लगभग 2 लाख 56 हजार गठानों की मांग की थी, लेकिन उनके द्वारा सिर्फ एक लाख 43 हजार गठानों की ही आपूर्ति की जा रही है। सरकार के पास 1.63 लाख गठानें ही हैं। इनमें से एक लाख गठानें मिलरों से और पीडीएस से व्यवस्था की गई है, जबकि 70 हजार प्लास्टिक की बोरियों का उपयोग किया जाएगा। पिछली बार 1333 सहकारी समितियों के माध्यम से धान की खरीदी की गई थी, लेकिन इस बार 700 से ज्यादा नई समितियां बनाई गई हैं। इस तरह इस बार 2048 समितियां धान की खरीदी करेंगी। बैठक में सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, विधायक सत्यनारायण शर्मा, अपेक्स बैंक के अध्यक्ष बैजनाथ चंद्राकर व खाद्य सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह उपस्थित थे।

नई समितियों से कम होगी दूरी, किसानों को कई किलोमीटर नहीं जाना पड़ेगा
किसानों को पिछले साल तक अपना धान बेचने के लिए कई किलोमीटर लंबा रास्ता तय करना पड़ता था, लेकिन इस बार सात सौ से ज्यादा समितियां बनाई गईं हैं। इससे कई गांवों की दूरियां खरीदी केंद्र से काफी कम हो गईं है। समितियों की संख्या बढ़ने से किसानों को काफी राहत मिलेगी। केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित एमएसपी के आधार पर सरकार धान और मक्के की खरीदी करेगी। कॉमन धान 1868 रुपए प्रति क्विंटल, ग्रेड ए का 1888 और मक्का 1850 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जाएगा।

कम धान खरीदने का षड्यंत्र: साय
भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने एक दिसंबर से धान खरीदी के फैसले पर कम धान खरीदी के षड्यंत्र का आरोप लगाया है। साय ने कहा कि कांग्रेस सरकार की नीयत में ही खोट है। सरकार कभी गिरदावरी रिपोर्ट के नाम पर रकबा कम करने का षड्यंत्र रचती है तो कभी धान खरीदी की घोषणा एक दिसंबर से कर किसानों के सामने बड़ी चिंता व डर खड़ी करने का काम करती है। प्रदेश भर में धान कटाई प्रारंभ हो चुकी है। एक दिसंबर से धान खरीदी के निर्णय के बाद किसानों के माथे पर चिंता साफ देखी जा सकती है कि वे अपने धान को सुरक्षित एक महीने तक कैसे रख पाएंगे? प्रारंभ से ही धान खरीदी और धान खरीदी की तिथि को लेकर आनाकानी करने वाली सरकार बारदाने के नाम पर बहानेबाजी करती रही है, कैसे भरोसा किया जाए। इधर, किसान महासंघ ने दस नवंबर से धान खरीदी की मांग की है, जिससे किसान अच्छे दिवाली मना सकें।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
बैठक में मौजूद सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, विधायक सत्यनारायण शर्मा, अपेक्स बैंक के अध्यक्ष बैजनाथ चंद्राकर व खाद्य सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3ekFRAp

No comments