कबाड़ पड़े 50 ई-रिक्शा की होगी मरम्मत, रायपुर से बुलाई गई टीम https://ift.tt/2JiDcMg
देशभर में दंतेवाड़ा को बड़ी पहचान देने वाली दंतेश्वरी सेवा योजना की एक बार फिर शुरुआत होगी। करीब डेढ़ सालों के लंबे इंतजार के बाद कबाड़ में पड़े ई-रिक्शा की मरम्मत का काम होगा। सोमवार को रायपुर से एक टीम इन ई-रिक्शा की मरम्मत के लिए दंतेवाड़ा पहुंच रही है। 50 से ज्यादा खराब ई-रिक्शा कबाड़ बनकर पड़े हुए हैं। खराब ई-रिक्शा की मरम्मत के लिए पिछले करीब 3 महीने से प्रशासन प्रयासरत है। यदि सभी खराब ई-रिक्शा की मरम्मत हो जाती है तो दंतेवाड़ा की सड़कों पर एक बार फिर महिलाओं का ई-रिक्शा दौड़ता हुआ दिखाई देगा।
कलेक्टर दीपक सोनी ने बताया कि कई ई-रिक्शा की बैटरी में समस्या है। इस वजह से कई महीनों से खराब पड़े हुए हैं। जितने भी ई-रिक्शा खराब है उन्हें दोबारा बनवाया जा रहा है। ई-रिक्शा रिपेयरिंग करने वाली टीम सोमवार को दंतेवाड़ा पहुंचेगी। मरम्मत के बाद महिलाओं को ई रिक्शा दिए जाएंगे। जिससे वे फिर से अपनी आजीविका सशक्त कर सकें।
मरम्मत का इंतजार है
ई-रिक्शा चलाने वाली महिलाओं ने बताया कि दंतेवाड़ा में ई रिक्शा बनाने वाले मेकेनिक नहीं हैं। गाड़ियां बनाने वाले जो मेकेनिक हैं वे ई रिक्शा बनाने से इंकार कर देते हैं। वजह यही है कि खराबी के बाद हमने प्रशासन को ही वापस दे दिया कि वे मरम्मत कराकर वापस लौटाएं। लेकिन अब तक रिपेयरिंग नहीं हुई है। अब पता चला है कि खराब ई रिक्शा की रिपेयरिंग होगी तो अच्छा लगा।
मैकेनिक नहीं , दंतेवाड़ा के युवाओं को ही ट्रेनिंग देकर निकाला जा सकता है स्थायी समाधान
दरअसल साल 2017-18 में दंतेवाड़ा की 150 से ज़्यादा महिलाओं व महिला समूहों को ई रिक्शा बांटा गया था।।इसके लिए डीएमएफ की राशि खर्च की गई थी। महिलाओं को ई रिक्शा चलाने की ट्रेनिंग दी गई। इसके बाद शहर से लेकर नक्सलगढ़ गाँवों तक बैटरी वाले रिक्शा दौड़ने लगे थे। बड़ी संख्या में ई रिक्शा तो बांटे गए लेकिन खराब होने पर इसकी मरम्मत के लिए इंतज़ाम नहीं हुए। दंतेवाड़ा के लाइवलीहुड कॉलेज में स्थानीय युवाओं को ही ई रिक्शा मरम्मत की ट्रेनिंग दी जा सकती है। इससे युवाओं को रोजगार भी मिलेगा और खराब ई रिक्शा की समय पर मरम्मत होने से कबाड़ बनने की नौबत नहीं आएगी।
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