खरीदी शुरू होने से पहले ही ओडिशा से हो रही सप्लाई, पकड़ा गया 290 बोरा धान https://ift.tt/36atZi6
जिले में एक दिसंबर से समर्थन मूल्य पर शुरू होने वाली धान खरीदी से पहले ओडिशा से धान लाकर बस्तर जिले में खपाने की कोशिश की जा रही है। शुक्रवार को भी यही काम बकावंड के कुछ लोगों द्वारा किया जा रहा था। लेकिन इनकी कोशिश सफल नहीं हो पाई। एक ट्रक में ओडिशा से लाए जा रहे धान की आशंका को लेकर कोटवारों ने ट्रक को रोककर जब देखा तो उसमें करीब 200 बोरा धान रखा था। गड़बड़ी की आशंका को लेकर उन्होंने तुरंत इसकी जानकारी नायब तहसीलदार टिकेटो नोरोटी को दी।
इसके बाद नायब तहसीलदार और तहसीलदार कैलाश पोयाम मौके पर पहुंचे और गाड़ी में रखे धान की जांच की। इसके बाद उन्होंने गाड़ी चालक से जब इस धान के बारे में पूछताछ की तो उसने बताया कि यह धान वह ओडिशा के राजपुर से लेकर आ रहा है। देर शाम को ओडिशा का व्यापारी उसे बताएगा कि धान को कहां पर छोड़ना है। चालक ने बताया कि उसे नहीं मालूम की यह धान उसे कहां खपाना है। नायब तहसीलदार ने बताया कि जांच के दौरान गाड़ी चालक सोना कुमार भागने की फिराक में था। लेकिन वह नहीं भाग सका। मौके पर पहुंची टीम ने उसे पकड़ लिया और चालक को गाड़ी समेत पकड़कर करपावंड थाने में ले गए।
इधर दूसरी ओर जब राजस्व विभाग की टीम कार्रवाई कर रही थी तो वहीं दूसरी ओर करपावंड पुलिस ने ओडिशा से पिकअप में लाए जा रहे 90 बोरी धान को पकड़ा। थाना प्रभारी हुर्रा ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से जानकारी मिल रही थी कि ओडिशा से बड़े पैमाने पर धान आ रहा है। जिसके बाद सभी पुलिस वालों को ओडिशा से लगे इलाकों से आने वाले वाहनों पर नजर रखने के लिए कहा गया था। शुक्रवार को ओडिशा से सफेद रंग की एक मिनी ट्रक में आ रहे धान को पकड़ा गया। कार्रवाई में प्रधान आरक्षक यज्ञ नारायण पानीग्रही, राजा सिंह, भानुप्रताप ठाकुर, बोहित लाल नाइक, बंशीलाल नाईन, महिला आरक्षक नुपुर भारती शामिल रहे।
जैतगिरी, करमरी, धनपूंजी जैसे ओडिशा से लगे इलाकों में कोचियों की तैयारी शुरू
इधर समर्थन मूल्य पर एक दिसंबर से धान खरीदी की शुरुआत होनी है। इससे पहले ही छग ओडिशा बॉर्डर के आधा दर्जन गांवों में कोचिए सक्रिय हो गए हैं। धान के अवैध कारोबार से जुड़े लोगों की मानें तो अभी जैतगिरी, करमरी, नलपावंड, कोलावल, धनपुर इलाके में बड़ी मात्रा में धान को स्टाक करने की तैयारी हो गई है। इन्हीं गांवों के रास्तों से ओडिशा के धान को छग की खरीदी में खपाया जाएगा। दरअसल कोचियों और खरीदी केंद्र के प्रभारियों के बीच 70-30 फीसदी रेशियो के आधार पर सेटिंग की जाती है। जिसमें खरीदी प्रभारी कुछ किसानों से मिलीभगत करके उनके नाम से धान की खरीदी कर लेते हैं। इसके बाद धान बेचने के बाद मिलने वाले पैसे को तीन भागों में बांट लिया जाता है। सबसे ज्यादा हिस्सेदारी कोचिए और खरीदी प्रभारी की होती है। इसके बाद तीसरा हिस्सा किसान को दिया जाता है। बिना धान पैदा किए मिलने वाले पैसे के लिए किसान किसी तरह का विरोध नहीं करते हैं।
पिछले साल जब्त किया था 28102 बोरा धान
गौरतलब है कि पिछले साल भी जिले में प्रशासनिक अफसरों ने 28 हजार 102 बोरा धान लैंपस में खपाने से पहले ही जब्त कर लिया था। जिसमें स्थानीय कोचियों से लेकर ओडिशा के कोचियों से लाया गया धान शामिल हैं। इसके अलावा अवैध धान प्रकरण में शामिल 19 गाड़ियों की जब्ती भी की गई थी। पिछले साल होने वाली धान खरीदी में 104 प्रकरण बनाए गए थे। जिसका निपटारा अब तक किया जा रहा है।
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