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50 हजार से ज्यादा ग्राहकों के गैस सिलेंडर अटकेंगे, नंबर रजिस्टर्ड नहीं https://ift.tt/2HVqulO

शहर के 50 हजार से ज्यादा ग्राहकों के गैस सिलेंडरों की होम डिलीवरी सोमवार से अटक जाएगी। इन ग्राहकों ने गैस एजेंसी में मोबाइल नंबर अपडेट नहीं कराया है। 1 नवंबर से लागू नए नियम के अनुसार गैस एजेंसी में रजिस्टर्ड मोबाइल पर एक ओटीपी आएगा। उस नंबर को दिखाने पर ही होम डिलीवरी देने वाले हॉकर सिलेंडर देंगे उसके बिना नहीं।
पेट्रोलियम कंपनियों के अनुसार इन 50 हजार ग्राहकों में किसी का मोबाइल नंबर या तो बंद है या बदल गया है। इसके बावजूद उन्होंने अपना नया नंबर गैस एजेंसी में अपडेट नहीं कराया है। इन ग्राहकों का रिकार्ड तैयार कर लिया गया है। अब उन्हें मोबाइल नंबर अपडेट करने की सूचना दी जाएगी। उन्हें नए सिरे से मोबाइल नंबर का रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। अब तक ओटीपी नंबर की अनिवार्यता नहीं थी। मोबाइल से कॉल करने पर गैस एजेंसी में ऑनलाइन बुकिंग कर ली जाती थी। बुकिंग के बाद निर्धारित समय पर सिलेंडर की होम डिलीवरी भी कर दी जाती थी। अब सभी पेट्रोलियम कंपनी के होम डिलीवरी के नियम बदल गए हैं। होम डिलीवरी के लिए बुकिंग कराने पर मोबाइल पर ओपीटी नंबर आएगा। इस ओटीपी नंबर को गैस की होम डिलीवरी के समय दिखाना होगा। उसके बिना सिलेंडर नहीं दिया जाएगा।
हालांकि पेट्रोलियम कंपनियों का कहना है कि जिनके नंबर अपडेट नहीं हैं उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है। ग्राहकों का मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड नहीं है तो उन्हें नए सिरे से रजिस्टर्ड करने का मौका दिया जाएगा। ऐसा प्रयास किया जा रहा है कि डिलीवरी के समय ही रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध करायी जाए। कमर्शियल सिलेंडरों के डिलीवरी में यह नियम लागू नहीं होगा। उन्हें पहले की तरह ही बिना ओटीपी बताए ही सिलेंडरों की डिलीवरी कर दी जाएगी।

नंबर बदल गए या बंद हो गए
पेट्रोलियम कंपनियों के पास ऐसे परिवारों की सूची है, जिनके खातों में एलपीजी गैस सिलेंडरों की सबसिडी उनके खाते नहीं जा रही थी। बार-बार सूचना के बावजूद इन परिवारों ने अपना आधार नंबर व बैंक पास बुक का ब्योरा और मोबाइल नंबर अपडेट नहीं कराया। ये मोबाइल नंबर या तो बंद हो गए या बदल गए हैं। इन्हीं ग्राहकों ने अपने परिवार के दूसरे सदस्यों के मोबाइल नंबर दिए जो अपना पता बदल चुके हैं। इनकी संख्या 10 फीसदी से ज्यादा है। रायपुर मेें विभिन्न गैस कंपनियों में 5 लाख से ज्यादा ग्राहक हैं। उस लिहाज से 50 हजार ग्राहकों के मोबाइल नंबर अपडेट नहीं है। ऐसे ही लोगों को अब सिलेंडर लेने में परेशानी होगी।
सभी जानकारियां अपडेट करवा लें
खाद्य नियंत्रक अनुराग सिंह भदौरिया ने बताया कि नए डीएसी नियम की प्रक्रिया अभी पहले चरण में 100 स्मार्ट शहरों में लागू की जा रही है। इसका पायलट प्रोजेक्ट फिलहाल जयपुर में शुरू कर दिया गया है। सभी एलपीजी ग्राहकों को चाहिए कि वे तत्काल अपना मोबाइल नंबर, घर का पता, आधार नंबर जैसी जरूरी जानकारियां रजिस्टर्ड या अपडेट करवा लें। इससे उन्हें किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी। गैस एजेंसियों से भी कहा गया है कि वे ऐसे ग्राहक जिनका केवायसी अपडेट नहीं है उन्हें फोन कर जरूरी दस्तावेज जमा करने के लिए कहें। गैस एजेंसियों को इस काम के लिए अलग कर्मचारियों की भी व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।

एक नजर में एलपीजी ग्राहकों की संख्या

  • बीपीसीएल - 103464
  • एचपीसीएल - 137148
  • आईओसीएल - 261032

सिलेंडर की चोरी और फर्जीवाड़ा होगा बंद
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय ने 1 नवंबर से एलपीजी सिलेंडर की होम डिलीवरी के लिए नया नियम लागू किया है। केंद्र सरकार का दावा है कि ओटीपी बेस्ड डिलीवरी प्रॉसेस सिक्योरिटी को और मजबूत बनाने के लिए डिलीवरी ऑथेंटिकेशन कोड सिस्टम लागू किया गया है। इससे सिलेंडर की चोरी रुकेगी और सही ग्राहकों के पास डिलीवरी होगी। इससे फर्जी पते पर रहने वाले लोगों को भी सिलेंडरों की होम डिलीवरी रुक सकेगी। इसमें ग्राहकों को सिलेंडर बुकिंग कराते समय एक वन टाइम पासवर्ड मिलेगा। सिलेंडर देने वाला व्यक्ति जब उनके घर आएगा तो वह उनसे वो पासवर्ड पूछेगा। ओटीपी नहीं या गलत बताने पर सिलेंडर नहीं देगा।

डिलीवरी करने वाले बेखौफ बेच देते थे
पासवर्ड दिखाने वालों को ही सिलेंडर देने के नए नियम से अब किसी को भी सिलेंडर देने का खेल भी खत्म होगा। अभी एजेंसियों के हॉकर मोहल्लों में जाकर ज्यादा कीमत पर किसी का सिलेंडर किसी को दे देते थे। जिसका नंबर पहले आता था उसे सिलेंडर डिलीवर करने में देर कर दी जाती थी। अब ऐसा नहीं होगा। जिसका सिलेंडर होगा उसी को ही देना होगा। हालांकि इस नए सिस्टम से परेशान भी होना पड़ सकता है। सिलेंडर के डिलीवर के समय अगर वहां मोबाइल घर पर नहीं होगा या उसका पासवर्ड पता नहीं होगा तो हॉकर सिलेंडर वापस ले जाएगा।



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फाइल फोटो।


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