गाजियाबाद की कंपनी ने भी खरीदे कड़कनाथ, साढ़े 5 लाख मिले https://ift.tt/3l7AZAk
अंबाला के बाद अब गाजियाबाद की एक कंपनी ने दंतेवाड़ा से कड़कनाथ मुर्गे की खेप खरीदने की रुचि दिखाई और बुधवार को पहली खेप लेकर रवाना भी हो गई। कलेक्टर दीपक सोनी ने हरी झंडी देकर रवाना किया। इस बार दंतेवाड़ा के 10 स्वसहायता समूह की महिलाओं के पोल्ट्री फॉर्म से 1200 कड़कनाथ मुर्गों की पहली खेप खरीदी गई। ये सभी कृषि विज्ञान केंद्र के सहयोग से कड़कनाथ का पालन कर रही हैं। समूह की महिलाओं को चेक के जरिए साढ़े 5 लाख रुपए दिए गए।इसके पहले अंबाला की एक अन्य कंपनी ने पशुधन विकास विभाग के सहयोग से कड़कनाथ मुर्गों का पालन करने वाले किसानों से साढ़े 4 लाख रुपए के मुर्गे खरीदे थे। 12 दिनों के अंदर दंतेवाड़ा के दंतेवाड़ा के कड़कनाथ पालकों ने 10 लाख रुपए कमा लिए।
कलेक्टर दीपक सोनी ने चेक बांटकर महिलाओं को बधाई दी, महिलाओं के अनुभव को जाना। कहा कि इस काम को आप और बेहतर करें हर संभव मदद हम देंगे। उद्देश्य है अधिक मार्केट मिले और बेहतर प्राइज मिले। जितना मार्केट उपलब्ध होगा, कॉम्पिटिशन होगा व बेहतर रेट महिलाओं को मिलेगा। इस मुर्गों को खरीदने वाली गाजियाबाद की द मीट विलेज कंपनी के ऑनर जसबीर सिसोदिया ने कहा कि अब तक झाबुआ से कड़कनाथ की खरीदी कर रहे थे। दंतेवाड़ा में कड़कनाथ मुर्गों के बड़ी मात्रा में प्रोडक्शन का पता चला। हमने देखा तो यहां कि क्वालिटी झाबुआ से बेस्ट है। महीने में 3 खेप हम दंतेवाड़ा से ले जाएंगे। इसका इस्तेमाल अंडा, मेडिसिन सहित अन्य के लिए होगा। इस मौके पर जिला पंचायत सीईओ अश्वनी देवांगन आिद मौजूद थे।
अभी पर्याप्त मात्रा में है कड़कनाथ: वरिष्ठ वैज्ञानिक
कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ नारायण साहू ने कहा कि दो चरण में 600 कड़कनाथ के चूजे हम उपलब्ध कराते हैं। अभी 10 समूहों की महिलाओं के फॉर्म से पहली खेप ली गई है। महिलाओं को 5 लाख 40 हजार रुपए मिले हैं। 150 महिलाओं को इसका फायदा मिला है।
जानिए, कड़कनाथ मुर्गा बेच किसे कितने पैसे मिले
- साईं बाबा स्व सहायता समूह भोगाम - 77400
- लक्ष्मी स्व सहायता समूह भोगाम - 76050
- मां दंतेश्वरी स्व सहायता समूह चितालंका - 62100
- नई दिशा - 76500
झारा नन्दपुरीन माता महिला कृषक संगठन
- झोड़ियाबाड़म - 62500
- मां लक्ष्मी स्व सहायता रोंजे - 67500
- मड़का राज मटेनार - 81000
- मां दंतेश्वरी रोजे - 83350
- पूना स्व सहायता समूह भांसी - 90000
महिलाएं बोलीं- एकमुश्त रकम मिली तो अच्छा लगा: भांसी की पार्वती, रोजे रीना बघेल, चितालूर की सुशीला नाग, सोनी नाग, चितालंका की अश्वनी कुंवर, सुनीता सेठिया, भोगाम सुजाता जयंती सहित अन्य महिलाओं ने कहा कि बहुत ही अच्छा लग रहा एक मुश्त में हमें राशि मिल रही। पहले हम सीधे कृषि विज्ञान को कड़कनाथ मुर्गा बेचते थे।
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