प्रसव के बाद बच्चे की मौत, शव लेकर 10 किमी चलकर गांव तक पहुंची मां https://ift.tt/33JHPXh
नक्सल क्षेत्र में सड़क नहीं होने से गांव तक एंबुलेंस नहीं पहुंचती है। जिसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। ताजा मामला कुआकोंडा ब्लॉक के रेवाली का है। यहां की मंगड़ी बाई को अपने एक दिन के बच्चे के शव को लेकर पैदल 10 किलोमीटर चलना पड़ा। तीन घंटे चलने के बाद अपने घर पहुंची। अचानक गांव में बच्चे का शव लेकर पहुंची महिला को देख ग्रामीणों ने नाराजगी जताई। ग्रामीणों ने कहा स्वास्थ्य सुविधा सुचारू रूप से मिले इसके लिए कलेक्टर से मिलेंगे।
एक तो बच्चे की मौत का दर्द दूसरी तरफ प्रसूता 1 दिन के बच्चे के शव को हाथ में लिए 10 किलोमीटर पैदल जाने को मजबूर है। इसकी जानकारी होने के बावजूद स्वास्थ्य अधिकारियों को दया नहीं आई और उन्होंने प्रसूता को पैदल ही रेवाली के लिए रवाना कर दिया। इधर सीएमएचओ बीआर ठाकुर ने कहा कि टेंडर प्रक्रिया के तहत शव वाहन अस्पताल में लगे हुए हैं। सड़क ठीक नहीं होने से कुछ गांवों में गाड़ियां नहीं जा पा रही हैं। जल्द ही इस मामले को लेकर अधिकारियों से बात की जाएगी।
समेली में छोड़ लौटा चालक
रेवाली गांव की मांगड़ी को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन प्रसव के लिए उसे पालनार प्राथिमक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे थे। डिलीवरी के बाद बच्चे की तबीयत बिगड़ने पर उसे कुआकोंडा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया फिर उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया था। जहां बच्चे की मौत रास्ते में हो गई।
इसके बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा मृतक बच्चे और उसके परिवार को शव वाहन से उसके गांव रेवाली भेजा गया था। शव वाहन चालक महिला के पति कोसा से कच्ची सड़क पर गाड़ी नहीं जा पाने की बात कहते हुए उन्हें समेली में छोड़कर लौट गया। आवाजाही का अन्य कोई साधन नहीं होने से प्रसूता अपने मृतक बच्चे व पति के साथ पैदल ही गांव के लिए रवाना हो गई। 10 किमी पैदल चलने के बाद वह अपने गांव पहुंची थी।
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