16 हाथियों के दल ने रौंदी फसल, झोपड़ी भी तोड़ी https://ift.tt/2HnMQMQ

कांकेर के चारामा होते हुए बालोद जिले में पहुंचा हाथियों का दल सोमवार को वापस कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर में आ गया। यहां पहुंचे 16 हाथी इलाके के कई गांव में खेत में फसल को रौंद व झोपड़ी आदि में तोड़-फोड़ कर नुकसान पहुंचाया। साल्हे में भड़ पर हमला करने हाथी ने लोगों को दौड़ाया भाी।
पिछले 2 दिनों से बालोद जिले की सरहदी गांवों में हाथियों का दल घूम रहा था। जो बीती रात भानुप्रतापपुर वन परिक्षेत्र के साल्हे इरागांव के जंगलों में घुस आया। हाथियों के भानुप्रतापपुर इलाके में आने की संभावना को देखते हुए वन विभाग पहले से ही इसके लिए सतर्क था। बालोद जिले के वन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों के साथ भानुप्रतापपुर क्षेत्र के कर्मी भी पूरी रात हाथियों के मूवमेंट पर नजर रखे हुए थे। सोमवार सुबह से ही भानुप्रतापपुर के वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी उस क्षेत्र में पहुंच ग्रामीणों को मुनादी कर सतर्क किया। साथ ही जंगल में ना जाने के निर्देश दिए। हाथी दिन भर इरागांव के पास कर्रा पहाड़ी पर डेरा डाले रहे। जहां से बारी बारी उतर कर तालाब में आकर हाथी पानी पीते रहे।
पहली बार भानुप्रतापपुर आया हाथी, देखने जुटी भीड़
भानुप्रतापपुर क्षेत्र के इतिहास में पहली बार हाथियों का दल पहुंचा है। हाथियों को देखने की व्याकुलता भी ग्रामीणों में थी। जिससे ग्रामीण बड़ी संख्या में पहाड़ी के ऊपर पहुंचकर शोर भी मचाते रहे। जिससे हाथी इधर उधर भटकते रहे। जिन्हें विभाग ने ऐसा करने से रोका।
हाथियों को न करें परेशान
जिला कलेक्टर केएल चौहान ने कहा कि वन विभाग एवं विद्युत विभाग को निर्देश दिए गए है बालोद जिला प्रशासन से सतत सम्पर्क में रहे। ग्रामीणों से अपील है कि उन्हें देखने न जाएं और न ही पटाखे फोड़ें। हाथियों को को परेशान न करें। फसल के नुकसान का आंकलन कर मुआवजा प्रकरण बनाया जाएगा।
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