एबीवीपी का एचपीयू प्रशासन पर आरोप, प्रवेश परीक्षा के नाम पर 1 कराेड़ वसूला, अब मेरिट पर एडमिशन https://ift.tt/37jd4Ll

छात्र संगठन एबीवीपी ने हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी पर आराेप लगाया है कि वह छात्रों की आवाज को दबाते हुए तानाशाही पर उतर आया है। पीजी में प्रवेश परीक्षा के नाम पर एक करोड़ छात्रों से वसूल किए और अब मेरिट आधारित दाखिले कर रहा है। शिमला में पत्रकाराें से बात करते हुए एबीवीपी के विवि कैंपस अध्यक्ष विशाल वर्मा ने कहा कि प्रशासन तानाशाही कर रही है। छात्रों के खिलाफ पुलिस बल का इस्तेमाल करती है। जिसमें कुछ को चोटें भी आई हैं।
सारा दिन नारेबाजी करने बावजूद वीसी प्राे. सिकंदर कुमार बातचीत करने के लिए तैयार नहीं हुए। उनका कहना है कि पीजी दाखिलों में प्रवेश परीक्षा होनी चाहिए। अनेकों ऐसे छात्र हैं जो सह पाठ्यक्रम गतिविधियों में भाग लेते हैं, चाहे वो कला हो या खेल का क्षेत्र या अन्य गतिविधियां। ऐसे छात्र कक्षा में कम मौजूद होने की वजह से असेसमेंट में कम अंक अर्जित करते हैं। जिससे उनके कुल अंक व ग्रेड भी अन्य छात्रों से कम बनता है।
एबीवीपी के प्रेस सचिव विशाल सकलानी का कहना है कि परीक्षा परिणामों की बात करें तो अभी विश्वविद्यालय ने सिर्फ यूजी छटे सेमेस्टर का आधा अधूरा परिणाम घोषित किया है। रि-अपीयर के कोई भी परिणाम घोषित नहीं हुए हैं। साथ ही बीबीए , बीसीए जैसे काेर्स में तो छठे सत्र का भी परिणाम घोषित नहीं हुआ है। वहीं ऐसे भी छात्र हैं जो कोरोना महामारी के चलते अपनी परीक्षा नहीं दे पाए। उनका कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन इसी तरह अपनी तानाशाही पर अड़ा रहा तो अपने आंदोलन को आने वाले दिनों में और उग्र करेगी।
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