बीमार मवेशियों का इलाज करने घर-घर पहुंची टीम, टीका लगाया https://ift.tt/34eQCBj

बडग़ांव क्षेत्र के बहुत से गांवों में मवेशियों में खुरा चपका रोग का प्रकोप था। इस रोग में मवेशियों के पैरों में सूजन आ जाती है। पशु चिकित्सा विभाग की टीम इलाज करने गांवों तक नहीं पहुंच रही थी जिसके चलते ग्रामीण देशी दवा से इलाज कर रहे थे। यह एक प्रकार का संक्रामक रोग है जिसके चलते देशी दवा से बहुत फायदा नहीं हो पा रहा था। भास्कर ने पशु पालकों की इस समस्या को लेकर 18 अगस्त को प्रमुखता से खबर प्रकाशित की जिसके बाद पशु चिकित्सा विभाग की टीम प्रभावित गांवों तक पहुंची तथा बीमार मवेशियों का इलाज किया। साथ ही मवेशियों का टीकाकरण भी करते पशुपालकों को विभाग के लोगों ने अपना मोबाइल नंबर देते कहा कोई भी समस्या हो तो सीधे उनसे संपर्क करें।
पशुपालक किसान सुखदेव हिचामी, रूपसिंग, हिरेसिंह, जगदीश ने बताया लंबे समय बाद क्षेत्र में बारिश शुरू होने से खेती कार्य में तेजी आई थी। बियासी काम का समय आया जिसमें मवेशियों की जरूरत पड़ती है।
ऐसे समय में मवेशियों में खुरा चपका बीमारी फैल गई। इस बीमारी के शिकार मवेशी चल तक नहीं पाते हैं ऐसे में खेतों में काम करना तो संभव ही नहीं है। ग्रामीणों ने बताया ग्राम छिंदपाल में पशु चिकित्सालय खोल तो दिया गया है लेकिन वहां सुविधा नहीं है। यहां मवेशियों को टीका तक नहीं लगाया जाता। हम लोग बेहद परेशान थ।
इसी बीच हमारी समस्या को भास्कर ने उठाया जिसके बाद पशु विभाग की टीम हमारे गांव पहुंची तथा मवेशियों का इलाज शुरू करते टीका भी लगाया। सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्राधिकारी एनसी सरकार ने कहा बडग़ांव के दोनों पारा में एफएमडी के 95 टीके पशुओं को लगाए गए। साथ ही 20 किसानों के मवेशियों का इलाज करते दवा का भी वितरण किया गया। मवेशियों के पैरों में सूजन है जिसे लिंथोस्किन डिजीस कहते हैं। इसका इलाज करते किसानों को इस बीमारी से बचाव के बारे में भी बताया गया।
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