पखांजूर-भानुप्रतापपुर सड़क पर गिरा पेड़, टीम नहीं आई तो ग्रामीणों ने दो घंटे में काटकर हटाया https://ift.tt/34bnPxy
अंचल में हुए भारी बारिश अब लोगों के लिए आफत साबित हो रही है। अंचल के सभी नदी-नाले उफान पर है। नीचले इलाकों में पानी भर गया है। इससे लोग घरों में कैद हो गए हैं। मंगलवार को पखांजूर-भानुप्रतापपुर मुख्य सड़क पर ग्राम दोड़दे के पास सुबह महुआ का विशाल पेड़ गिर गया।
पेड़ की चपेट में आते-आते एक कार बाल बाल बची। पेड़ गिरने से सड़क पर वाहनों का आवागमन बंद हो गया। दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लगने लगी। किसी को मदद के लिए नहीं पहुंचते देख राहगीरों ने ग्रामीणों की मदद से पेड़ को काटना शुरू किया। दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद मार्ग पर आवागमन बहाल हो पाया।
मंगलवार सुबह 10 बजे दोड़दे के पास सड़क की ओर झुका महुआ का विशाल पेड़ गिर गया। पेड़ गिरने से सड़क पर वाहनों के आने जाने रास्ता बंद हो गया। पेड़ को हटाने लोक निर्माण विभाग के मजदूरों को नहीं पहुंचते देख बांदे जा रहे युवकों ने हिम्मत दिखाई और कुछ ग्रामीणों की मदद से पेड़ को काटकर रास्ता साफ किया। जितेंद्र, कामता प्रसाद, रविंद्र पवार, परितोष विश्वास के साथ चिखली सरपंच संदेर उसारे ने पेड़ को सड़क से हटाने में योगदान दिया।
वनविभाग तथा लोक निर्माण विभाग नहीं दे रहा ध्यान : राहगीर मनीष कौशल, पीयूष, कामता प्रसाद, प्रभास, जुगल किशोर, सुरेंद्र विश्वास ने कहा मार्ग पर पिछले कई सालों से लगातार अचानक पेड़ गिरने की घटनाएं हो चुकी है। वनविभाग तथा लोक निर्माण विभाग दोनों को सड़क की ओर झुके पेड़ों से खतरे को देखते कटवाने की मांग की गई लेकिन लेकिन विभाग द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
सात किमी का सफर है जोखिम भरा
लोक निर्माण विभाग की लापरवाही के कारण पखांजूर-भानुप्रतापपुर मुख्यमार्ग पर कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इस मार्ग पर ग्राम चिखली से पीवी- 34 तक सात किमी में 10 साल पहले पौधरोपण किया गया था, जो अब पेड़ बन चुके हैं। प्राय: पेड़ सड़क की ओर झुके हुए हैं। बरसात में मिट्टी गिली होने के कारण जड़ें कमजोर हो जाती है। इससे उनके गिरने का खतरा बना रहता है। इस मार्ग पर आए दिन बिना आंधी तूफान के भी पेड़ गिरते रहते हैं। इससे सड़क पर चलने वालों को खतरा बना रहता है।
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