क्योंकि अगले 26 में से 20 दिन कोई न कोई त्योहार, शुभ मुहूर्त https://ift.tt/383n6An
4 नवंबर : करवाचौथ
इस दिन सुहागिनें पति की दीर्घायु के लिए निर्जला व्रत रखकर रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य देकर पूजन करेंगी। इसी दिन गणेश चतुर्थी भी रहेगी।
6 नवंबर : सिद्धि योग
इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाती है। दक्षिण भारतीय परिवारों में संतान सुख की कामना के लिए यह पर्व मनाते हैं। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा।
7 नवंबर : पुष्य नक्षत्र
सूर्योदय से रात 12.30 बजे तक पुष्य नक्षत्र रहेगा। इस योग को खरीद-फरोख्त के लिए काफी मंगलकारी माना गया है। दिवाली से ऐन पहले पड़ रहा यह योग महत्वपूर्ण है।
8 नवंबर : अहोई अष्टमी
इस दिन माताएं बच्चों की दीर्घायु के लिए दीवार पर अहोई माता का चित्र बनाकर पूजा करेंगी। संतान की खुशहाली के लिए इस दिन व्रत भी रखा जाता है।
11 नवंबर : रंभा एकादशी
श्रीकृष्ण ने पांडु पुत्रों को युद्ध में विजय के लिए कार्तिक मास की इस एकादशी का व्रत करने को कहा था। माना जाता है कि ये व्रत मनुष्य को कर्मों से मुक्ति देता है।
12 नवंबर : गोवत्स द्वादशी
दिवाली से 2 दिन पड़ने वाली गोवत्स द्वादशी पर गाय और बछड़ों की पूजा की जाती है। कथाओं के अनुसार कृष्ण के जन्म के बाद माता यशोदा ने इसी दिन गाय के दर्शन कर पूजा की थी।
13 नवंबर : धनतेरस
दिवाली से 2 दिन पड़ने वाले इस पर्व पर मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा की जाएगी। इसी दिन औषधि के देवता भगवान धनवंतरी की भी पूजा की जाएगी।
14 नवंबर: दीपावली
साल का सबसे बड़ा त्योहार। लक्ष्मी पूजा कर दीप जलाए जाएंगे। जैन समाज इस दिन भगवान महावीर का निर्वाण दिवस मनाएगा। इसी दिन रूप चतुर्दशी भी मनाई जाएगी।
15 नवंबर : गोवर्धन पूजा
इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने बृजवासियों को इंद्र के प्रकोप से बचाया था। मठ-मंदिरों में इस दिन भगवान गिरिराज की पूजा की जाती है। अन्नकूट महोत्सव भी मनाया जाता है।
16 नवंबर : चित्रगुप्त पूजा
भगवान चित्रगुप्त और कलम दवात की पूजा करने का दिन है। इसी दिन बहनें भाईयों को तिलक कर उनकी दीर्घ आयु की कामना करती हैं।
17 नवंबर : गुरु वंदना
तुकडोजी की जयंती पर महाराष्ट्रीयन परिवारों में गुरु वंदना कर पूजा की जाती है। कहीं कहीं इस दिन ऋषि विश्वामित्र की पूजा-वंदना करने की भी परंपरा है।
18 नवंबर : गंणेश पूजा
भगवान गणेश की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक कार्तिक मास की इस चतुर्थी पर व्रत रख पूजा करने से भविष्य में होने वाले अनिष्ट दूर होते हैं।
20 नवंबर : छठ पूजा
छठ भोजपुरी समाज का सबसे बड़ा पर्व है। इस दिन समाज की महिलाएं निर्जला व्रत रखने के साथ अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा करती हैं। तालाब में पूजा की जाती है।
21 : सहस्त्रबाहु जयंती
भगवान सहस्रबाहु कलचुरी, कलार समाज के आराध्य देव हैं। इस दिन इनकी विशेष पूजा होती है। इस दिन लगभग समूचे छत्तीसगढ़ में कई कार्यक्रम होते हैं।
22 नवंबर : गोपाष्टमी
इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और गायों की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक भगवान श्रीकृष्ण ने ही गोचारण की परंपरा की शुरूआत की थी।
23 नवंबर : आंवला नवमी
महिलाएं इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा कर भोग लगाती हैं। इसी दिन सत्यसाईं बाबा का जन्मोत्सव है। शहर के उद्यानाें में इस दिन काफी भीड़ रहती है।
25 नवंबर : देवउठनी
5 माह विश्राम के बाद देवउठनी एकादशी पर विष्णु जागते हैं। तुलसी-शालिग्राम का विवाह कराया जाएगा। साथ ही शादियों पर लगा प्रतिबंध भी हट जाएगा।
27 नवंबर : खाटू श्याम पूजा
इस दिन भगवान खाटूश्याम का प्रकटोत्सव मनाया जाएगा। खाटू श्याम मंदिरों में इसे भव्य रूप से मनाया जाता है। सामाजिक स्तर पर भी कई कार्यक्रम होंगे।
28 नवंबर : बैकुंठ चतुर्दशी
माना जाता है कि चातुर्मास के बाद इसी दिन भगवान विष्णु और शिव का मिलन हुआ था। एक अन्य मान्यता के मुताबिक इस दिन स्वर्ग के द्वार खुले होते हैं।
30 नवंबर : देव दिवाली
दीपदान किया जाएगा। ब्रह्मांड की रक्षा के लिए इसी दिन विष्णुजी ने मत्स्यावतार लिया था। यह उनका प्रथम अवतार था। गुरुनानक देवी की जयंती भी है।
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