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समता में पहले कंटेनमेंट जोन के 231 दिन बाद राजधानी कोरोना की घेराबंदी से मुक्त https://ift.tt/2I2Osf7

त्योहारों के सीजन में रायपुर शहर के लिए एक अच्छी खबर है। शहर में अब एक भी इलाका गली मोहल्ला कंटेनमेंट जोन के दायरे में नहीं है। पूरे कोरोना काल में शहर में पहली बार इस तरह की स्थिति बनी है। 18 मार्च को शहर में पहला कोरोना पॉजिटिव केस मिला था। तब से 231 दिन बाद (7 माह के अधिक) यह स्थिति बनी है। राजधानी जुलाई-अगस्त में इस स्थिति से भी गुजर चुकी है कि एक वक्त पर दो से ढाई सौ कंटेनमेंट जोन बनाने पड़े थे और प्रशासन की हालत ये थी कि सड़कें और इलाका घेरने के लिए बांस-बल्लियां तक नहीं थीं।
अक्टूबर में जब कोरोना केस में कमी आने लगी, तब भी शहर में कभी आधा दर्जन तो कभी इक्का-दुक्का कंटेनमेंट जोन बनाए जाते ही रहे। अक्टूबर मध्य में जोन-9 के अवंति टॉवर में एक साथ पांच केस मिलने के बाद कंटेनमेंट जोन बनाया गया था।


यह एक बहुमंजिली रिहायशी अपार्टमेंट की सीढ़ियों को बांस-बल्लियों से घेरकर बनाया गया था और यही फिलहाल आखिरी कंटेनमेंट जोन साबित हुआ। इसकी मियाद 14 दिन की थी, लेकिन बांस-बल्लियां पूरी तरह 5 नवंबर को ही हटाई गईं। हालांकि अफसरों का कहना है कि यह इत्तेफाम है कि गुरुवार को राजधानी कंटेनमेंट जोन से मुक्त हो गई। अगर कहीं एक साथ 5 या इससे ज्यादा केस मिले तो वहां कंटेनमेंट जोन बना दिया जाएगा।

समता का पहला जोन 2 किमी का
18 मार्च को पहला कोरोना केस मिलने के बाद समता कॉलोनी के दो किमी दायरे को कंटेनमेंट जोन घोषित करते हुए छावनी में बदल दिया गया। इतनी दहशत थी कि लोग आसपास से गुजरने से घबरा रहे थे।

सर्वाधिक ढाई सौ जोन जुलाई में
18 जुलाई वो तारीख बनी जब शहर में एक ही वक्त में ढ़ाई सौ से ज्यादा इलाके कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिए गए। उस वक्त लोग ही ज्यादा मरीज मिलने पर कंटेनमेंट जोन बनाने की मांग रहे थे। पर बांस-बल्लियां खत्म होने के कारण प्रशासन के लिए कंटेनमेंट जोन बनाना कठिन हो गया था।

अंतिम जोन था रिहायशी अपार्टमेंट
19 अक्टूबर को अवंति टॉवर में एक साथ पांच केस मिलने के बाद कंटेनमेंट जोन बनाया गया। ये अब तक का आखिरी कंटेनमेंट जोन साबित हुआ। अफसरों ने कहा कि पांच या ज्यादा केस मिले तो नया कंटेनमेंट जोन बनेगा।

पांच या ज्यादा केस मिलने पर कंटेनमेंट
कोविड-19 के बदले हुए प्रोटोकाॅल के अनुसार अब किसी स्थान विशेष में पांच या इससे ज्यादा केस एक ही दिन में मिलने के बाद कंटेनमेंट जोन बनाया जाता है। इस तरह के इलाकों में एक्टिव सर्विलांस के साथ हाई रिस्क माने जाने वाले बुजुर्ग, गंभीर रोगों से ग्रसित लोगों और गर्भवती महिलाओं की कोरोना जांच पर फोकस किया जाता है। हालांकि प्रशासन ने केस में कमी और शहर में जीरो कंटेनमेंट जोन के बीच लोगों को सावधान और मास्क पहनने, बार बार हाथ धोते रहने और फिजिकल दूरी जैसी सतर्कता को लगातार अनुपालन करने के लिए भी कहा है।



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19 अक्टूबर को बना राजधानी का आखिरी कंटेनमेंट जोन।


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