दोपहर में हुई तीन राज्यों के अफसरों की बैठक, इधर रात में नक्सलियों ने 2 बारूदी सुरंगों में किया ब्लास्ट https://ift.tt/2JnXaW7
सुकमा जिले में शनिवार रात लगभग साढ़े 8 बजे चिंतागुफा थाना क्षेत्र के अरबराज मेट्टा (पहाड़ी) में नक्सलियाें द्वारा किए गए दाे आईईडी ब्लास्ट की चपेट में आकर कोबरा 206 बटालियन के दो अफसर समेत कुल 10 जवान घायल हो गए। ब्लास्ट की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल असिस्टेंट कमांडेंट नितिन पी भालेराव व टूआईसी दिनेश कुमार समेत कुल 8 जवानों को वायु सेना के चौपर से रात लगभग 11 बजे रायपुर रेफर किया गया।
रायपुर के निजी अस्पताल में बटालियन के असिस्टेंट कमांडेंट नितिन भालेराव ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। शहीद अफसर महाराष्ट्र के नासिक जिले के निवासी थे। बटालियन के टूआईसी दिनेश कुमार व अन्य जवान श्रीराम, सिद्धू तारदल, जगन्नाथ, संदीप कुमार, अनुरंज व दीपक अशाेक पाटिल का इलाज राजधानी के अस्पताल में जारी है। इसके अलावा मामूली रूप से घायल जवान जितेंद्र मीणा व बी सुरेंद्र कुमार का चिंतलनार कैंप अस्पताल में इलाज किया गया।
इससे पहले शनिवार की दोपहर जिले के कोंटा थाना परिसर में एएसपी सुनील शर्मा के नेतृत्व में तेलंगाना व आंध्र प्रदेश के पुलिस अफसरों के साथ हुई। बैठक में तीनों राज्यों के सरहदी इलाकों में होने वाले नक्सली मूवमेंट पर नकेल कसने की रणनीति बनी थी।
देर रात चिंतलनार में हेलीकॉप्टर की हुई लैंडिंग
चिंतागुफा थाना क्षेत्र के अरबराज मेट्टा (पहाड़ी) में नक्सलियों द्वारा किए गए आईईडी विस्फोट की चपेट में आकर घायल हुए कोबरा 206 बटालियन के अफसर व जवानों को जैसे-तैसे कर रात 10:30 से 11 बजे केे बीच चिंतलनार लाया गया। चिंतलनार में हेलीकॉप्टर की नाइट लैंडिंग की सुविधा है। वायु सेना के दो एमआई-17 चौपर की मदद से देर रात बटालियन के घायल दो अफसर व 6 अन्य जवानों को रायपुर रेफर किया गया।
सर्चिंग पर निकले, कुछ देर बाद एंबुश में फंसे
चिंतागुफा व चिंतलनार थाना क्षेत्र के नक्सलियों के पैठ वाले इलाके में उन्हें चुनौती देने चिंतलनार, चिंतागुफा व बुरकापाल कैंप से डीआरजी, एसटीएफ और सीआरपीएफ की कोबरा 206 व 201 बटालियन के जवानों की अलग-अलग टुकड़ियां शनिवार शाम सर्चिंग ऑपरेशन पर रवाना हुईं थीं।
बुरकापाल कैंप से कोबरा 206 बटालियन के टूआईसी दिनेश कुमार व असिस्टेंट कमांडेंट नितिन पी भालेराव के नेतृत्व में निकली कोबरा जवानों की टुकड़ी कैंप से लगभग 6 किमी दूर अरबराज की पहाड़ियों पर पहुंची। यहां पहले से बारूदी सुरंग लगाकर जवानों की टुकड़ी के आने का इंतजार कर रहे नक्सलियों ने एक के बाद एक दो ब्लास्ट किए और मौके से भाग निकले।
जगह-जगह आईईडी और स्पाइक होल लगाए
मिली जानकारी के मुताबिक जब तक नक्सली फोर्स पर बड़े हमले की तैयारी नहीं करते वे जवानों से सीधा मुकाबला करने में बचते हैं। सर्चिंग ऑपरेशन के दौरान फोर्स के मूवमेंट वाले इलाके में पगडंडी के किनारे व पेड़ों के नीचे नक्सली बड़ी संख्या में कमांड व प्रेशर आईईडी प्लांट कर देते हैं। इसके अलावा वह जंगलों से होकर गुजरने वाले रास्ते व मेड़ में भी स्पाइक होल बना देते हैं।
ताकि जवानों से सीधे मुठभेड़ किए बिना उन्हें ज्यादा नुकसान पहुंचाया जा सके। नक्सलियों ने बुरकापाल व ताड़तेटला इलाके में भारी मात्रा में आईईडी व स्पाइक होल प्लांट कर रखा है। समय-समय पर नक्सलियों द्वारा लगाए गए प्रेशर आईईडी व स्पाइक होल की चपेट में आकर स्थानीय ग्रामीण व मवेशी घायल होने की घटनाएं होती रहती हैं।
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